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रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया का नया फरमान, अब इस तरह के नोटों को बैंक नहीं करेगा स्वीकार

जब से नोटबंदी आई है तबसे आये दिन कोई न कोई नया नियम और कानून बनता ही रहता है. रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने अब एक नया फरमान जारी कर दिया है. भारत के केंद्रीय बैंक RBI ने हाल ही में ये फरमान जारी किया है जिसके तहत अब धार्मिक, राजनीतिक या व्यावसायिक प्रयोजन वाले ऑब्जेक्शनेबल शब्द नए नोटों पर लिखे हुए मिलें तो यह पूरी तरह से अवैध मानें जाएंगे. ऐसे नोट रद्दी कि श्रेणी में आ जाएंगे. आपको बता दें कि यदि किसी नोट पर रंग, स्याही या पेन से लिखा हुआ हो, तो ऐसे नोट पूरी तरह से अवैध श्रेणी में नहीं आएंगे.

खाताधारकों को लगाने पड़ते थे बैंक के चक्कर

विदित है कि ऑब्जेक्शनल शब्दों वाले ऐसे नोटों को लेकर आए-दिन खाताधारक बैकों के लगातार चक्कर काटते हैं. इसके चलते खाताधारकों समेत बैंक कर्मचारियों को भी कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसी समस्या से निजात दिलाने के लिए रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने खाताधारकों को सूचना अधिकार अधिनियम के तहत ये राहत भरी जानकारी दी है.

रंग, स्याही, पेन से लिखे नोट होंगे मान्य

आपको बता दें कि रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया  की तरफ से ये स्पष्टीकरण RTI (राईट टू इनफार्मेशन)  के ज़रिए मांगी गई दो सौ (200), पांच सौ (500) और दो हज़ार (2000) के नोटों की वैधता की जानकारी के बाद आया. स्पष्टीकरण में RBI ने यह साफ किया कि रंग, स्याही या पेन से लिखे नोट वैध होंगे. इस तरह के नोटों को बैंक खातों में अवश्य ही जमा कराया जा सकता है.

RBI ने नोट रिफंड नियमावली-2009 का पूरी तरह हवाला देते हुए यह कहा है कि आपत्तिजनक शब्द लिखे नोट और राजनीतिक या धार्मिक संदेश अभिव्यक्ति किये नोट पूरी तरह अवैध माने जाएंगे. इसके अलावा व्यक्ति-उद्यम बढ़ाने के उद्देश्य से लिखे नोट पूरी तरह अस्वीकृत कर दिया जाएगा. आम आदमी को इस नए फरमान से कुछ राहत तो ज़रूर मिली है.

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