स्वास्थ्य

प्रेग्नेंसी में पानी पीने से होते हैं ये विशेष लाभ, जान कर रह जाएंगे दंग

चाहे आप गर्भवती हो या नहीं आपके शरीर को ठीक से काम करने के लिए पानी की जरूरत होती है. हालांकि गर्भावस्था के दौरान पीने के पानी की जरुरत नार्मल स्थिति से ज्यादा जरुरत होती है क्यूंकि आपको पानी एक नहीं बल्कि दो लोगों के लिए पीना होता है. आपके लिए ज्यादा पानी पीना अधिक महत्वपूर्ण है. आपके स्वास्थ्य के लिए और आपकी खुशी के नए बंडल के लिए.

क्या कहती है रिसर्च-

एक अध्यनन के अनुसार, सुबह उठकर खाली पेट पानी पीने से सुबह की बीमारी, ईर्ष्या और अपच आदि कम करने में मदद मिलती है. गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर के बदलते और शरीर की मांगों से निपटने के लिए भी अधिक पानी की आवश्यकता होती है. एक स्वस्थ शरीर और स्वस्थ रक्त कोशिकाओं के लिए, अपने शरीर को हाइड्रेड रखने के लिए और बाद में एक अच्छे स्तनपान के लिए पानी काफी आवश्यक है.

प्रेग्नेंसी में अधिक पानी के लाभ-

शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए : 

गर्भावस्था के दौरान हमें हमारे शरीर को हाइड्रेड रखने के लिए अधिक पानी पीना चाहिए. पर्याप्त पानी पीने से निर्जलीकरण रुकता है. गर्भावस्था के दौरान निर्जलीकरण कई जटिल समस्याओं को जन्म देता है जैसे सिरदर्द, मतली, ऐंठन, एडिमा और चक्कर आना. यह विशेष रूप से तीसरे तिमाही में होता है. इसलिए गर्भावस्था में हमें नार्मल से अधिक पानी नई पीना चाहिए.

मूत्र संक्रमण रोकने के लिए :

गर्भावस्था में मूत्र संक्रमण होना आम समस्या है. ये ज्यादात्तर उन महिलाओं को होती है जो पानी का सेवन कम करती है. अधिक पानी पीने से हमारे शरीर से सारे विषाक्त तत्व मूत्र के जरिये बाहर निकल जाते हैं और इस प्रकार मूत्र संक्रमण का खतरा नहीं होता है. यदि आप पर्याप्त पानी पीते हैं, तो आपका मूत्र पतला हो जाएगा, जिससे संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा.

पाचन और कब्ज़ की समस्या से राहत :

गर्भावस्था में ज्यातर महिलाओं को कब्ज़ और पाचन से सम्बन्धी समस्याएं हो जाती है जैसे सुबह के समय उल्टी आना, कब्ज़, एसिडिटी आदि. अधिक पानी पीने से नियमित रूप से सुबह की बीमारी, एसिडिटी, उलटी और ईर्ष्या के लक्षणों और साथ ही अपच के लक्षणों को दूर किया जा सकता है. पानी हमारे शरीर को ठंडा रखने और जौरी तापमान को बनाए रखने में भी मदद करता है खासकर गर्म और आर्द्र महीनों में.

सिरदर्द और थकान दूर करने में सहायता :

पार्यप्त पानी पीने से थकान, निर्जलीकरण के लक्षणों जैसे थकावट और सिरदर्द, पैर या टखनों की सूजन को कम किया जा सकता है.

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