अध्यात्म

भगवान शिव जी को गलती से भी ऐसा बेलपत्र ना चढ़ाएं, जानिए इससे जुड़े कुछ खास नियम

साल 2023 में सावन का पावन महीना 4 जुलाई से शुरू हो गया है। सावन का महीना भगवान शिव जी को समर्पित है। इस पूरे महीने भक्त श्रद्धा भाव से भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह का प्रयास करते नजर आते हैं। शास्त्रों में ऐसा माना गया है कि भगवान शिव जी की पूजा में उनकी प्रिय चीजों को चढ़ाने से वह खुश हो जाते हैं। वैसे तो भगवान शिव जी की पूजा में बहुत सी चीजें चढ़ाई जाती हैं लेकिन सबसे ज्यादा महत्व बेलपत्र का होता है।

भगवान शिव जी की सबसे प्रिय चीजों में से एक बेलपत्र का स्थान सर्वप्रथम है। ऐसा माना जाता है कि बेलपत्र के बिना शिवजी की पूजा अधूरी होती है। इसलिए शिवजी की पूजा में बेलपत्र चढ़ाना सबसे जरूरी होता है। लेकिन बेलपत्र को चढ़ाने में कुछ खास बातों का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है। इसे चढ़ाने के कुछ खास नियम है, जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है। आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं।

शिवलिंग पर इस तरह के बेलपत्र गलती से भी मत चढ़ाना

अगर आप शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ा रहे हैं, तो उस दौरान आपको बहुत ही ध्यान पूर्वक बेलपत्र का चुनाव करना होगा। आप इस बात का ध्यान रखें कि जो बेलपत्र आप शिवलिंग पर चढ़ाना चाहते हैं, वह कहीं से भी कटा-फटा नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही इस पर अधिक धारियां भी नहीं होनी चाहिए। बेलपत्र के बहुत से पत्तों पर चक्र और धारियां होती हैं, जिन्हें भगवान शिवजी की पूजा में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि चक्र और वज्र वाले बेलपत्र खंडित होते हैं।

अगर आप शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ा रहे हैं तो उस दौरान आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि बेलपत्र चढ़ाने के बाद अनाज, तेल, दूध जैसे पदार्थ फिर ना चढ़ाएं। अगर आपको ज्यादा बेलपत्र नहीं मिल पाए हैं, तो ऐसी स्थिति में आप केवल एक बेलपत्र भी शिवलिंग पर चढ़ा सकते हैं। इससे भी आपको अपनी पूजा का उतना ही फल प्राप्त होगा। ध्यान रखें कि कभी भी शिवलिंग पर बिना जल अर्पित किए बेलपत्र ना चढ़ाएं।

बेलपत्र तोड़ने का नियम

शास्त्रों में बेलपत्र को तोड़ने को लेकर भी नियम बताया गया है। कभी भी बेलपत्र सोमवार या फिर चतुर्दशी को नहीं तोड़ना चाहिए। अगर आपको जरूरत हो तो आप इसे पहले ही तोड़ कर रख लें। ऐसा माना जाता है कि सोमवार और चतुर्दशी तिथि को बेलपत्र तोड़कर शिवलिंग पर चढ़ाया जाए, तो इससे भगवान शिव जी नाराज हो जाते हैं।

इस तरह से शिवलिंग पर चढ़ाएं बेलपत्र

अगर आप शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के लिए ले रहे हैं, तो आपको साफ और पवित्र बेलपत्र का चयन करना होगा। ध्यान रखना होगा कि बेलपत्र की पत्तियां बिल्कुल ताजी होनी चाहिए। बेलपत्र को हमेशा चिकने वाले भाग की तरफ से शिवलिंग के ऊपर रखना चाहिए। इन पतियों को धूप और जल के प्रभाव से बचाना चाहिए। शास्त्रों में इस बात का जिक्र किया गया है कि बेलपत्र जितने अधिक पत्र वाला होता है, उतना ही अच्छा है। इसलिए शिवजी को बेलपत्र चढ़ाने में कम से कम यह 3 पत्र वाला होना चाहिए। आपको बता दे कि बेलपत्र 1, 3 या फिर 5 पत्र वाला भी होता है। शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय “ओम नमः शिवाय” या अन्य शिव स्तुति मंत्र का जाप करना चाहिए।

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