बॉलीवुड

अक्षय की मुस्लिम एक्ट्रेस ने हिंदू से की शादी, बताई अपने पिता की सच्चाई

हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार अक्षय कुमार ने दुनियाभर में पहचान बनाई है. अक्षय कुमार ने बतौर अभिनेता हिंदी सिनेमा में अपने कदम साल 1991 में आई फिल्म ‘सौगंध’ से रखे थे. बॉलीवुड में अक्षय ने 32 साल का सफर तय कर लिया है. अपनी कड़ी मेहनत के दम पर वे बॉलीवुड के सुपरस्टार कहलाए है.

देश दुनिया में अक्षय कुमार के करोड़ों फैंस है. अक्षय ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत अभिनेत्री शांतिप्रिया के साथ की थी. अक्षय ने शिवा जबकि शंतिप्रिया ने चांद नाम का किरदार निभाया था. अपने 32 साल के फ़िल्मी करियर में अक्षय ने कई हसीनाओं संग स्क्रीन साझा की है.

हिंदी सिनेमा की एक से बढ़कर एक एक्ट्रेस संग अक्षय बड़े पर्दे पर रोमांस कर चुके हैं. अक्षय के साथ काम करने वाली अभिनेत्री फरहीन भी है. अभनेत्री फरहीन एक समय चर्चा में थी. लेकिन बाद में क्रिकेटर से शादी करके वे फ़िल्मी दुनिया से दूर हो गई. अब फरहीन गुमनाम जीवन जी रही हैं.

फरहीन को बिंदिया के नाम से भी जाना जाता हैं. फरहीन 50 साल की हो चुकी हैं. उनका जन्म साल 1973 में चेन्नई में हुआ था. उन्होंने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत फिल्म ‘जान तेरे नाम’ से की थी. 21 फरवरी 1992 को रिलीज हुई इस फिल्म में फरहीन ने अभिनेता रोनित रॉय संग काम किया.

आगे जाकर फरहीन अक्षय कुमार संग भी बड़े पर्दे पर नजर आईं. दोनों कलाकारों ने साथ में ‘नजर के सामने’ और ‘दिल की बाजी’ नाम की फिल्मों में काम किया था. फरहीन ने और भी कुछ एक बॉलीवुड फिल्मों में काम किया लेकिन लंबे समय से वे फ़िल्मी दुनिया से दूर है. उनका फ़िल्मी करियर कुछ खास नहीं रहा.

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बता दें कि अपने बॉलीवुड डेब्यू के साथ ही वे काफी चर्चा में आ गई थी. दरअसल तब उन्हें मशहूर अदाकारा माधुरी दीक्षित की हमशक्ल भी कहा गया था. हालांकि अब उनका लुक पूरी तरह से बदल चुका है. 50 साल की हो चुकी फरहीन अब काफी अलग नजर आती हैं.

फरहीन ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज प्रभाकर से शादी की थी. दोनों की पहली मुलाकत साल 1994 में हुई थी. बता दें कि मनोज पहले से शादीशुदा थे और उनके बच्चे भी थे. लेकिन फरहीन के लिए उन्होंने अपने बीवी बच्चों को भी छोड़ दिया था. फिर फरहीन और मनोज लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे.

महज 15 साल की उम्र में मुस्लिम फरहीन ने हिंदू शख्स से शादी करने का ख्याल देख लिया था. उन्होंने अपने एक सक्षात्कार में कहा था कि, ”मैं जब 15-16 साल की थी तब ही मुझे लगता था कि मैं किसी हिंदू से शदी करूंगी. क्योंकि मैं उन्हें दिखाना चाहती हूं कि मैं वो करती हूं जो मैं वो चाहती हूं”.

फरहीन ने आगे कहा था कि, ”जब मैंने अपने पति से शादी की थी तो मैंने उन्हें ये बताया था. क्योंकि मेरे पिता की तीन बीवियां थी. घर के अंदर वो देखने के बाद मैंने सोचा अरे बाबा मुसलमानों पर भरोसा नहीं है”.

फरहीन ने कहा कि, ”जब कट्टर लोगों को देखती हूं तो मैं उनसे दूर भागती हूं. मुझे वो फीलिंग अच्छी नहीं लगती अगर कोई बहुत दबाव डालता है धर्म के ऊपर. मैं सोचती थी कि मैं क्या करुं तो मैंने किताबें पढ़ना शुरू की. मैंने पढ़ा कि असल में जिंदगी क्या है. कहां से आता है धर्म. तब मैं अध्यात्म की राह पर चली”.

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