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दिल्ली-कोटा जाकर नहीं किए मां-बाप के पैसे बर्बाद, गांव में रहकर IIT Main में लाया 98% मार्क्स

कहते हैं मेहनत और लगन में जब इंसान कोई कमी न छोड़े तो वह दुनिया का कोई भी इम्तिहान पास कर सकता है। अब सीवान जिले स्थित जुड़कन गांव के होनहार छात्र प्रथम राज को ही देख लीजिए। प्रथम ने IIT Main की परीक्षा में 98% मार्क्स लाए हैं। इस तरह वह जिले में सबसे ज्यादा अंक लाने वाला छात्र बन गया है। दिलचस्प बात ये है कि आईआईटी की तैयारी के लिए प्रथम दिल्ली या कोटा जैसी जगह नहीं गया। बल्कि गांव में ही रहकर उसने ये परीक्षा पास की। तो चलिए प्रथम की इस सफलता का राज उसी कि जुबानी जानते हैं।

गांव में रहकर क्रैक की आईआईटी

जब भी कोई छात्र आईआईटी में जाने का सपना देखता है तो वह कोचिंग करने दिल्ली, कोटा या पटना जैसे शहरों का रुख करता है। यहां वह कोचिंग के नाम पर मां बाप के लाखों रुपए खर्च कर देता है। फिर भी कई लोग इस परीक्षा को पास नहीं कर पाते हैं। लेकिन गांव के रहने वाले प्रथम राज ने साबित कर दिया कि अहमियत जगह या पढ़ाने वाले की नहीं होती है, बल्कि पढ़ने वाले की होती है। सबकुछ उसी की मेहनत पर टीका होता है।

IIT Main की परीक्षा में 98% मार्क्स लाने वाले प्रथम बताते हैं कि वह गांव में रहकर रोज नियम से 7 से 8 घंटे पढ़ाई करते थे। उनका लक्ष्य इस दौरान ज्यादा से ज्यादा प्रश्नों को हल करना होता था। वह पढ़ाई के लिए यूट्यूब का सहारा भी लेते थे। उनका मानना है कि यदि आप मन लगाकर नियमित पढ़ाई करें और आपका बेस मजबूत हो तो आप कहीं से भी आईआईटी क्रैक कर सकते हैं। प्रथम ने 12वीं में ही आईआईटी की तैयारी करना शुरू कर दी थी।

आईएएस बनना है सपना

प्रथम सीवान कोर्ट में वकील और जिला अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष पंकज सिंह और सरकारी स्कूल टीचर रेणुका सिंह के बड़े बेटे हैं। वह बचपन से ही पढ़ने में होशियार रहे हैं। वे DAV स्कूल से पढ़े हैं। उन्होंने 12वीं की परीक्षा में अपने जिले में टॉप किया था। वह 2022 में भी IIT Main और IIT एडवांस क्लियर कर चुके थे। लेकिन तब उन्हें आईआईटी में कंप्यूटर इंजीनियरिंग नहीं मिली थी। जबकि वह कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग कर आईएएस बनना चाहते थे। इसलिए उन्होंने मां-पिता और परिवार के भारी दबाव के बावजूद आईआईटी में एडमिशन नहीं लिया।

प्रथम को खुद पर पूरा भरोसा था। इसलिए उन्होंने दोबारा आईआईटी की एग्जाम दी। वैसे इसमें रिस्क भी था। क्योंकि छात्रों को सिर्फ दो बार ही आईआईटी की परीक्षा में बैठने की अनुमति होती है। लेकिन प्रथम ने हार नहीं मानी। इस बार और जमकर मेहनत की। आखिर उनकी मेहनत रंग लाई और वे आईआईटी मैन में 98% मार्क्स ले आए। अब उनका अगला लक्ष्य 4 जून को होने जा रही आईआईटी एडवांस की परीक्षा पास करना है।

आईआईटी एडवांस की परीक्षा पास कर वह दिल्ली, कानपुर या वाराणसी में कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग करना चाहते हैं। इसके बाद आईएएस बनकर पिता जी के नानाजी मास्टर दीना नाथ सिंह और सीवान जिले का नाम रौशन करना चाहते हैं। प्रथम का कहना है कि उन्हें विदेश जाकर जॉब नहीं करना है। बल्कि वह भारत में रहकर ही देश के लिए कुछ करना चाहते हैं।

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