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ब्यूटीशियन का काम छोड़ प्रियंका सिंह बनी किसान, मशरूम की खेती कर कमा रही महीने के 18 लाख रुपये

सहारनपुर की प्रियंका सिंह में आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है। जहां वह मशरूम की खेती से आत्मनिर्भर बनने की तरफ कार्य कर रही हैं। वहीं अपने साथ-साथ कई अन्य महिलाओं को रोजगार देने के अलावा स्वरोजगार की राह पर चलने के लिए प्रेरित और जागरूक भी कर रही हैं। प्रियंका सिंह मशरूम की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रही हैं। प्रियंका सिंह पहले देश की राजधानी दिल्ली में ब्यूटीशियन का कार्य किया करती थीं परंतु उन्होंने ब्यूटीशियन काम छोड़कर स्वरोजगार की सोच के साथ मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में कार्य शुरू आरंभ कर दिया।

प्रियंका सिंह का ऐसा कहना है कि वह बहुत से युवाओं को कम्पोस्ट के बैग को तैयार करने के साथ ही मशरूम उत्पादन की सभी जानकारी एक प्रशिक्षण के रूप में मुफ्त में दे रही हैं। प्रियंका सिंह के अनुसार, उन्होंने अपने सहयोगियों से मशरूम उत्पादन और बाजारीकरण पर जानकारी प्राप्त की। उन्होंने इस क्षेत्र में कदम रखने से पहले सहारनपुर के आसपास के क्षेत्र में हो रहे मशरुम उत्पादन और उसकी बिक्री के अच्छे केंद्रों की जानकारी हासिल की।

छोटे पैमाने पर लगाया था मशरूम उत्पादन का प्लांट

आपको बता दें कि 2016 में बिहारीगढ़ क्षेत्र में छोटे पैमाने पर महिला किसान प्रियंका सिंह ने मशरूम उत्पादन का प्लांट लगाया था। उन्होंने इस संबंध में सहारनपुर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. आईके कुशवाहा से भी बातचीत की थी। इसके बाद उन्होंने तकनीकी जानकारी परीक्षण शिविर के जरिए प्राप्त की। इसके बाद वह अपने मशरूम उत्पादन के व्यापार को धीरे-धीरे आगे बढ़ाते चली गईं। अब प्रियंका सिंह अपने मशरूम उत्पादन प्लांट में रोजाना करीब 600 किलोग्राम मशरूम का उत्पादन कर रही हैं।

प्रियंका सिंह ने अपने इस काम की शुरुआत 25,000 मशरूम बैग से की थी। लेकिन बाद में वह धीरे-धीरे बढ़ाती रहीं। महिला किसान प्रियंका सिंह मशरूम का उत्पादन करके अच्छा खासा पैसा कमा रही हैं। अगर हम मशरूम की थोक कीमत की बात करें तो वह ₹110 किलो है। इतना ही नहीं बल्कि वह कंपोस्ट के बैग भी तैयार करती हैं, जिससे वह आर्थिक रूप से अतिरिक्त लाभ प्राप्त कर रही हैं।

इन चीजों का भी उत्पादन कर रही हैं प्रियंका सिंह

मशरूम के अलावा प्रियंका सिंह और भी कई चीजों का उत्पादन कर रही हैं। बता दें कि देहरादून, हरिद्वार और रुड़की में प्रियंका सिंह के द्वारा उत्पादित बटन और आफ्टर मशरूम की काफी ज्यादा मांग है। इसके अलावा वह आचार, मुरब्बा, पाउडर और पापड़ का भी व्यापार करती हैं, जिससे उनकी अच्छी खासी कमाई हो रही है। प्रियंका सिंह ने अपने मशरूम उत्पादन प्लांट में एसी यूनिट भी लगाया है।

प्रियंका सिंह के द्वारा ऐसा बताया गया है कि एसी यूनिट लगने से 12 महीने मशरूम का उत्पादन लगातार होता रहेगा। एसी यूनिट लगने से मशरूम की गुणवत्ता में और ज्यादा सुधार होगा। प्रियंका का कम निवेश में खुद का रोजगार शुरू करने का प्रयास था, जो कामयाब हो गया। प्रियंका सिंह का प्रियंका सिंह ने यह लक्ष्य रखा है कि भविष्य में अपने मशरूम उत्पादन को बढ़ाकर इसकी सप्लाई बड़े महानगरों में करें। आपको बता दें कि सहारनपुर की रहने वाली प्रियंका सिंह की मशरूम की खेती से सालाना लाखों रुपए की कमाई हो रही है।

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