समाचार

ससुर ने किए विधवा बहू के हाथ पीले, बाप बनकर किया कन्या दान, बहू बोली- मुझे गर्व है..

अकेले जीवन काटना बड़ा मुश्किल होता है। खासकर जब आपका पार्टनर अचानक दुनिया छोड़कर चला जाए तो हर दिन काटने को दौड़ता है। कई लोग डिप्रेशन में भी चले जाते हैं। लगता है अब जीने का कोई मकसद ही नहीं बचा है। इस स्थिति में दूसरी शादी कर फिर से नया घर बसाना बेस्ट विकल्प होता है।

हालांकि आज भी समाज के कुछ रूढ़िवादी विधवा महिला की शादी के खिलाफ होते हैं। उन्हें ये रास नहीं आता कि एक महिला कैसे अपने पति को भुलाकर दूसरा घर बसा सकती है। खासकर महिला के ससुरालवालों को इससे बड़ी दिक्कत होती है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे सास-ससुर से मिलाने जा रहे हैं जिन्होंने बेटे की मौत के बाद खुद विधवा बहू की दूसरी शादी करवा समाज में नई मिसाल पेश की।

ससुर ने पिता बन करवाई विधवा बहू की शादी

मामला मध्य प्रदेश के रायगढ़ के ग्राम खुटपला का है। यहां हीरालाल मुलेवा ने अपनी बहू सीमा की दूसरी शादी करवाकर सामाजिक रूढ़ियां तोड़ दी। हीरालाल के छोटे बेटे सुनील का दो साल पहले निधन हो गया था। वह महज 30 वर्ष का था। उसके मरने के बाद से बहू सीमा बड़ी उदास और अकेली रहती थी। ऐसे में उसके ससुरालवालों ने सीमा की दूसरी शादी का निर्णय लिया।

सीमा के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उसकी शादी 19 मार्च रविवार को चिंतामन गणेश मंदिर परिसर उज्जैन में हुई। इस दौरान ससुर हीरालाल व सास घणीबाई ने माता-पिता बनकर कन्यादान किया। इतना ही नहीं सीमा के जेठ बाबूलाल और जेठानी ममता ने भी भाई-भाभी बनकर उसके कन्यादान में हिस्सा लिया।

बहू बोली- मुझे ससुर पर गर्व है

सीमा की इस शादी में उनके भाई शुभम, माता-पिता कैलाश मारू और गीता मारू भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि वे ऐसे समधी पाकर धन्य हैं। अपनी दूसरी शादी पर दुल्हन बनी सीमा मारु ने कहा कि जब मेरे पति का निधन हुआ तो ससुरालवालों ने मुझे बेटी बनाकर रखा। और आज ससुर ने पिता के हक से मेरा कन्यादान किया। यह मेरे लिए गर्व की बात है। मैं ऐसे अच्छे परिवार की बहू बनकर धन्य हूं।

इस मौके पर टांडाखेड़ा के समाजसेवी कांतिलाल टांक भी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा वक्त के साथ सामाजिक रूढ़ियों को बदलना जरूरी है। इसके अलावा मारू कुमावत समाज तीन परगना के पूर्व अध्यक्ष रमेश पटेल भी शादी में आए। उन्होंने इसे पहल को एक साहसिक कार्य बताया। साथ ही कहा कि इससे समाज में एक नई परंपरा कायम होगी। इससे और भी विधवाओं का घर बसेगा।

Back to top button