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घर के मंदिर में ना करें ये गलतियां, भुगतने पड़ सकते हैं गंभीर परिणाम

हर घर में पूजा के लिए एक पवित्र स्थान होता है. इस स्थान को लोग पूजा घर कहते हैं. लगभग हर हिंदू धर्म वाले घर में मंदिर होते हैं. घर के साइज़ के हिसाब से यह मंदिर बड़े या छोटे होते हैं. पूजा करने से मनुष्य को मन की शांति मिलती है और मन प्रसन्न रहता है. मन शांत रहता है तो दुःख-दर्द का एहसास भी कम होता है. कहते हैं कि जिन घरों में विधि विधान के साथ पूजा होती है उस घर में सकारात्मकता बनी रहती है. सकारात्मक उर्जा का प्रवाह उस घर में निरंतर रहता है.

कहते हैं पूजा-पाठ करने से घर की दरिद्रता दूर हो जाती है. लेकिन पूजा करने के भी कुछ नियम होते हैं. जाने अनजाने लोग कुछ ऐसी ग़लतियां कर बैठते हैं जिससे घर में अशांति फैलने लगती है. अगर देवी-देवताओं की पूजा सही तरीके से की जाए तो भगवान जल्द प्रसन्न होते हैं. इसलिए आज हम आपको ऐसी ही कुछ ग़लतियों के बारे में बताएंगे जिन्हें पूजा के दौरान करने से बचना चाहिए.

पूजा करने के कुछ नियम-

  • गणेश जी की मूर्ति हर किसी के मंदिर में पाई जाती है. पर ध्यान रहे कि एक ही मंदिर में गणेश जी की तीन मूर्तियां साथ ना रखीं हों. एक ही मंदिर में तीन गणेश जी की मूर्ती होने पर घर में अशांति फैलने लगती है. घर में तनाव का माहौल बना रहता है.

  • दूसरी ज़रूरी बात है कि एक ही मंदिर में दो शंख नहीं रखना चाहिए. अगर आपके घर के मंदिर में एक से ज़्यादा शंख हैं तो उसे फ़ौरन हटा दें.

  • अपने घर के मंदिरों में बड़ी मूर्तियां रखने से बचें. अगर आपके मंदिर में शिवलिंग है तो यह अंगूठे के आकार से बड़ा नहीं होना चाहिए. शिवलिंग बहुत संवेदनशील माना जाता है इसलिए मंदिर में छोटा शिवलिंग रखें.

  • शास्त्रों के अनुसार घर में खंडित मूर्तियों का रखना भी अशुभ होता है. इससे घर में नकारात्मक उर्जा का संचालन होने लगता है. इसलिए खंडित मूर्तियों की पूजा करने से बचें.

  • पूजा के दौरान ध्यान रखें कि दीपक बूझ ना पाए. पूजा के बीच में दिए का बूझना अशुभ होता है. अगर ऐसा होता है तो पूजा का फल पाने से मनुष्य वर्जित रह जाता है.

  • देवी-देवताओं को फूल-माला अर्पित करने से पहले उसे साफ़ पानी से धोकर पवित्र ज़रूर कर लें. तुलसी की पत्तियां 11 दिनों तक बासी नहीं मानी जाती. इसलिए आप 11 दिनों तक इस पर जल छिड़क कर भगवान को चढ़ा सकते हैं.

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