बॉलीवुड

जब 50 हजार फैंस की भीड़ देख रो पड़े थे राजेश खन्ना, जावेद अख्तर ने कहा- वैसा मंजर कभी नहीं देखा

हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना 10 साल पहले इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं हालांकि जब तक यह दुनिया रहेगी. जब तक सिनेमा रहेगा राजेश खन्ना का नाम हमेशा लिया जाता रहेगा. राजेश खन्ना को हमेशा याद किया जाता रहेगा.

rajesh khanna

राजेश खन्ना की एक झलक पाने के लिए फैंस की भारी भीड़ उमड़ती थी. राजेश खन्ना ने हिंदी सिनेमा की परिभाषा ही बदलकर रख दी थी. उनके चाहें वाले उन्हें प्यार से ‘काका कहते थे’. उन्हें लेकर कहावत थी कि, ‘ऊपर आका नीचे काका’ यानी कि ऊपर भगवान है तो नीचे राजेश खन्ना है.

हिंदी सिनेमा में कदम रखने के महज चार से पांच साल में ही राजेश खन्ना सुपरस्टार बन गए थे. उम्र 30 साल भी नहीं हुई थी और राजेश खन्ना को सुपरस्टार कहा जाने लगा था. न सिर्फ सुपरस्टार बल्कि हिंदी सिनेमा एके पहले सुपरस्टार. मतलब कि उनसे पहले बॉलीवुड में कोई सुपरस्टार नहीं था.

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राजेश खन्ना के बाद में तो कई कलाकार सुपरस्टार बने. लेकिन उनसे पहले यह उपाधि किसी को नसीब नहीं हुई. हालांकि उनके जैसा स्टारडम भी अन्य कोई कलाकार आज तक हासिल नहीं कर पाया. उनका स्टारडम गजब का था. उनकी लोकप्रियता और सफलता देखने लायक थी.

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सही मायनों में ‘काका’ असली सुपरस्टार थे. उन्हें पसंद करने वालों में हर कोई शामिल था. बच्चे, बूढ़े, महिलाएं, पुरुष सभी को काका पसंद थे. लड़कियां तो उन पर जान छिड़कती थी. उन्हें खून से खत लिखा करती थी और उनकी गाड़ी की धूल से अपनी मांग सजा लेती थी. लकिन क्या आप जानते है कि सबसे पहले काका को सुपरस्टार होने का एहसास कब हुआ था.

बेंगलुरु में एक बार काका 50 हजार लोगों की भीड़ के बीच घिरे हुए थे. तत्कालीन कर्नाटक सरकार ने ‘काका’ को अपने यहां चलने वाली लॉटरी का लकी नंबर निकलवाने के लिए आमंत्रित किया था. काका साथ में मशहूर लेखक जावेद अख्तर को भी ले गए थे. कार्यक्रम विधानसभा के नजदीकी मैदान पर रखा गया था.

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जावेद अख्तर ने एक साक्षात्कार में राजेश खनन के स्टारडम को लेकर कहा था कि मुझे नहीं लगता कि ऐसा मंजर दोबारा देख पाऊंगा. राजेश को देखते ही करीब 50 हजार लोगों की आवाज एक साथ निकली, वो मंजर अविश्वसनीय था. उस दिन बेंगलुरू की सड़कें खाली थीं.

उस दिन को याद करते हुए राजेश खन्ना का कहना था कि, ”मुझे लगा कि मैं भगवान के बराबर खड़ा हो गया हूं. मुझे अभी भी वो लम्हा याद है, जब पहली बार मुझे एहसास हुआ कि कामयाबी कितनी अद्भुत हो सकती है, ये आपको हिला कर रख देती है, ऐसा लगता है कि जैसे आप इंसान हैं ही नहीं, ये ‘अंदाज’ (फिल्म) के फौरन बाद हुआ था”.

रो पड़े थे ‘काका’

काका वो मंजर, लोगों का प्यार और हजारों लोगों की भीड़ को देखकर रो पड़े थे. बता दें कि हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार रहे काका’ का 18 जुलाई 2012 को कैंसर जैसी बीमारी से मुंबई में निधन हो गया था.

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