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पता नहीं कौन सी मुलाकात आखिरी हो, रतन टाटा के 29 साल के असिस्टेंट शांतनु हुए भावुक

एक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद देश के सबसे चर्चित और बड़े उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) के असिस्टेंट शांतनु नायडू (Shantanu Naidu) सुर्ख़ियों में आ गए हैं. टाटा संस (Tata Sons) के मानद चेयरमैन रतन टाटा के सहायक शांतनु आए दिन सुर्ख़ियों का हिस्सा बनते रहते हैं.

shantanu naidu

इस बार शांतनु एक ख़ास वजह से सुर्ख़ियों में चल रहे हैं. शांतनु ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की है. उनकी पोस्ट बेहद भावुक कर देने वाली है. उन्होंने अपनी इस हालिया सोशल मीडिया पोस्ट में एक पुरानी घटना को याद किया है. इसे याद करते हुए वे खुद भी भावुक हो गए. इसके अलावा उन्होंने पोस्ट में अपने स्टार्टअप गुडफेलो के बारे में भी बात की है.

सितंबर 2022 में हुई थी गुड फेलोज (Startup Goodfellows) की शुरुआत

shantanu naidu and ratan tata

बता दें कि रतन टाटा के सहायक शांतनु नायडू (Shantanu Naidu) गुड फेलोज (Startup Goodfellows) नाम के स्टार्टअप को चलाते हैं. इसकी शुरुआत इस साल सितंबर माह में हुई थी. इस स्टार्टअप का उद्देश्य बुजुर्गों की सेवा है. बता दें कि इसमें रतन टाटा ने निवेश किया है.

हाल ही में शांतनु ने अपने स्टार्टअप को शुरू किए जाने के विचार को लेकर बात की है. वहीं उन्होंने एक घटन का भी जिक्र किया. उन्होंने लिंक्डइन पर पोस्ट करके बताया है कि गुडफेलो इंडिया के शुरू करने के सवाल पर एक पंजाबी दंपत्ति का चेहरा सामने उभर आता है.

एक पांच साल पुरानी घटना का जिक्र करते हुए शांतनु ने एक दंपति की कहानी बताई. उन्होंने पोस्ट में लिखा कि, ”वह सज्जन बुधवार को 86 साल की उम्र में चल बसे. उनकी करुणा ने मेरे मन पर ऐसी गहरी छाप छोड़ी है कि जब भी कोई पूछता है कि गुडफेलो क्यों शुरू किया, तो मिस्टर पंजाबी का चेहरा हमेशा सामने उभर आता है. वो इस साल बहुत याद आएंगे. आप कभी नहीं जानते कि कौन सी मुलाकात आखिरी है”.

 कौन है शांतनु नायडू ?

shantanu naidu and ratan tata

शांतनु नायडू की उम्र 29 साल है. उनका जन्म साल 1993 में हुआ था. बता दें कि उन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी (Cornell University) से पढ़ाई पूरी की है. पढ़ाई पूरे करने के बाद वे भारत वापस लौटे आए थे.

shantanu naidu and ratan tata

साल 2018 से शांतनु रतन टाटा संग जुड़कर उनके सहायक एवं टाटा ऑफिस में जनरल मैनेजर के पद पर काम कर रहे हैं. गौरतलब है कि रतन टाटा ने खुद शांतनु को अपने यहां नौकरी का ऑफर दिया था. इस साल शांतनु ने बुजुर्गों की सेवा के उद्देश्य से Goodfellows की शुरुआत की.

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