राजनीति

मोदी सरकार का बड़ा फैसला : सेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए सरकार ने कर दिया ये काम

नई दिल्ली – मोदी सरकार ने पाकिस्तान और चीन के साथ लगातार बढ़ते तनाव के मद्देनज़र रखते हुए सेना में आजादी के बाद सबसे बड़े सुधार कि मंजूरी दे दी है। इसके तहत 57 हजार अफसरों एवं जवानों को नई भूमिका दी जाएगी। ये बदलाव इसलिए किया जा रहा है क्योंकि, ये कार्मिक अभी तक जिन कार्यो के लिए तैनात थे अब उसमें तकनीक और अन्य कारणों से काफी बदलाव आ चुका है।

सेना में सबसे बड़े सुधार को मंजूरी

सेना में आजादी के बाद सबसे बड़े सुधार के तहत अधिकारियों, जूनियर कमीशन अधिकारियों और अन्य रैंक के 57 हजार पदों पर पुनः तैनाती कि जायेगी। इसके अलावा सेना के अनावश्यक विभागों को बंद कर एक ही तरह के काम करने वाले विभागों का विलय किया जाएगा। सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले से रक्षा बजट का बेहतर इस्तेमाल होने के साथ-साथ सेना में ‘टीथ टू टेल रेसियो’ में भी सुधार होगा।

2016 में गठित की गई थी सुधार हेतु समिति

Pak violates ceasefire

आपको बता दें कि लेफ्टिनेंट जनरल डी बी शेकातकर की अध्यक्षता में 2016 में एक समिति का गठन कर उसे सेना की ‘टूथ टू टेल’ अनुपात में सुधार के लिए सुझाव देने को कहा गया था। यहां बता दें कि ‘टीथ टू टेल रेसियो’ का मतलब सीमा पर तैनात हर सिपाही के लिए आवश्यक समान पहुंचाने या उसके सहयोग के लिए तैनात अन्य लोगों का अनुपात होता है। सरकार ने इस समिति की 99 सिफारिशों में से 65 को मान लिया है।

जेटली ने बताया, डोकलाम विवाद से संबंध नहीं

Election results Goa and Manipur

हालांकि, रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने ये साफ किया है कि इन सुधारों को मंजूरी के पीछे चीन के साथ हुआ डोकलाम विवाद का संबंध नहीं है। जेटली ने बताया कि, इस सुधार हेतु डोकलाम विवाद से काफी पहले लेफ्टिनेंट जनरल डी. बी. शेकटकर (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी। इसी समिति कि सिफारिशों पर इस सुधार को मंजुरी दी गई है। इससे सेना में जवानों का बदली हुई परिस्थितियों में सर्वश्रेष्ठ उपयोग किया जा सकेगा।

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