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जानें आज का गुड लक: आज बन रहा है गृहक्लेशों और रोगों से मुक्त होने का शुभ संयोग

आज दिनांक 31.08.2017 के दिन भाद्रपद शुक्लपक्ष की दशमी पड़ रही है। हिन्दू धर्म की परम्परा के अनुसार आज एक दिन गौरी विसर्जन का पर्व मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के चौथे दिन गौरी आवाहन किया जाता है। नवमी के दिन गौरी पूजन का विधान है और आज यानी दशमी के दिन गौरी विसर्जन का विधान है। आज के दिन गौरी और गणेश को एक दुसरे से बिछुड़ना होता है। हिन्दू धर्म में इस दिन का ख़ास महत्व होता है।

परम्परा के अनुसार आज के दिन दी जाती है विदाई:

आज के दिन सभी लोग परम्परा के अनुसार गौरी की विधिवत पूजा करते हैं और उन्हें विदाई देते हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अनुराधा नक्षत्र में इनका आवाहन, ज्येष्ठा नक्षत्र में इनका पूजन और मोल नक्षत्र में इनका विसर्जन करने की परम्परा है। इनके पूजन के अनेकों लाभ प्राप्त होते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति आज के दिन गौरी का विधिवत पूजन करता है, वह गृहक्लेशों और रोगों से जीवन भर मुक्त रहता है।

पूजन विधि:

हिन्दू धर्म में देवी गौरी का एक विशिष्ट स्थान है। लोग इनके प्रति काफी श्रद्धा रखते हैं। इनके पूजन के लाभ के बारे में आप जान ही गए हैं। आज के दिन देवी गौरी का विधिवत पूजन करें। सर्वप्रथम देवी गौरी के समक्ष घी का दीपक जलाएं, तत्पश्चात मोगरे का धूप करके हरिद्रा से तिलक लगायें। इसके बाद देवी गौरी को पीले फूल चढ़ाकर गुड़ और चने का भोग लगायें। 108 बार इस विशिष्ट मंत्र का जाप करें और बाद में गुड़ चने को प्रसाद के रूप में बाँट दें।

विशिष्ट मंत्र:

ॐ गौर्यै गोजनन्यै नम:॥

पूजन मुहूर्त:

शाम 18:28 से शाम 19:24 तक।

अभिजीत मुहूर्त:

दिन 11:55 से दिन 12:45 तक।

अमृत काल:

रात 21:37 से रात 23:24 तक।

वर्जित यात्रा महूर्त:

दिशाशूल – दक्षिण। नक्षत्रशूल – उत्तर। राहुकाल वास – दक्षिण। अतः उत्तर व दक्षिण दिशा की यात्रा टालें।

शुभ रंग:

पीला।

शुभ दिशा:

पूर्व।

शुभ समय:

दिन 14:10 से शाम 16:14 तक।

शुभ मंत्र:

ॐ महेश्वर्यै देव्यै नमः॥

शुभ टिप्स:

किसी भी व्यापार में सफलता पाने के लिए आज के दिन देवी गौरी पर पीली सरसों चढ़ाएं, जल्द ही सफलता मिलनी शुरू हो जाएगी।

जन्मदिन के लिए शुभ:

जीवन में सौभाग्य प्राप्ति के लिए आज के दिन गणपती पर बेसन के लड्डू चढ़ाएं।

एनिवर्सरी के लिए शुभ:

दंपति द्वारा आज के दिन गणपती पर पीले गूढ़हल के फूल चढ़ाने से गृहकलशों से मुक्ति मिलती है।

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