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रुला देगी ये घटना, पहले छोटे फिर बड़े बेटे की मौत, शव ला रहे पिता भी रास्ते में चल बसे..

कभी-कभी किस्मत बहुत बुरा खेल खेलती है। एक ही झटके में पूरा परिवार तबाह कर देती है। अब बिहार के दरभंगा जिले के मनीगाछी प्रखंड की चनौर पंचायत के अमई गांव की यह दुखद घटना ही देख लीजिए। यहां सबसे पहले छोटे बेटे की मौत हुई। फिर बड़ा बेटा भी गुजर गया। लेकिन दुख का सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ। जब पिता बेटे का शव लेकर आ रहे थे तो उनकी भी रास्ते में मौत हो गई।

बेटे का शव लाते हुए पिता की मौत

दरअसल मृतक पचकौरी सदाय (50) बीते दस वर्षों से गाजियाबाद में रहकर काम काज कर रहे थे। उनका मूल निवास अमई गांव है। वह त्योहारों पर गांव आते रहते थे। कुछ दिनों पहले ही बीवी सोमनी देवी और बेटी को लेकर गांव आए थे। वे दोबारा गजियाबाद गए कि बेटों को भी अपने साथ गांव ले आएंगे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। शनिवार, 24 सितंबर को उनके मंजले बेटे कृष्णा (21) का सड़क हादसे में निधन हो गया। वह डिलीवरी बॉय था।

बेटे की मौत से पचकौरी बड़े उदास थे। वह बेटे का शव लेकर गांव आ रहे थे लेकिन रास्ते में खुद भी सड़क हादसे का शिकार हो गए। ये हादसा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर कन्नौज के सौरिख क्षेत्र में हुआ। इसमें पचकौरी जी की मौत हो गई।

उधर उनकी पत्नी को अब तक यही पता था कि उनके पति बेटे का शव लेकर आ रहे हैं। लेकिन जब रविवाह सुबह (25 सितंबर) बेटे के साथ पति का भी शव आया तो पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। उनकी तबीयत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

कुछ समय पहले छोटे बेटे का भी हुआ था निधन

इसके पहले करीब 6 वर्ष पूर्व पचकौरी के छोटे बेटे गोपाल सदाय की भी एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी। तब से ही परिवार बड़े दुख में रह रहा था। एक घर में तीनों लोगों की मौत सड़क हादसे में हो गई। ऐसे में घर में अब सिर्फ बड़ा बेटा हरेराम सदाय, पत्नी सोमनी देवी और बहू सोनी देवी व बेटी माला कुमारी (15) रह गई हैं।

गांव में जब एक ही घर से दो अर्थियाँ उठी तो नजारा देख हर कोई भावुक हो गया। सभी की आंखें नम दिखाई दी। वहीं परिवार में सभी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। हर कोई यही कह रहा था कि भगवान ऐसा दिन किसी को ना दिखाए। इस घटना के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है। कई लोगों के घर चूल्हे तक नहीं जले हैं।

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