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रायपुर के इस गणेश पंडाल में भक्तों के साथ आरती में शामिल होती है गौमाता, दिल छू लेगी तस्वीरें

हिंदू धर्म के मुताबिक गाय को सबसे पवित्र जीव माना गया है। मान्यता है कि गाय के शरीर में करीब 33 करोड़ देवी देवताओं का वास होता है। यही वजह है कि हमारे देश में गाय की पूजा की जाती है और उन्हें लक्ष्मी का रूप भी माना जाता है। अब इसी बीच हम आपको बताने जा रहे हैं दलदल सिवनी के एक गणेश पंडाल का दिलचस्प दृश्य जहां पर गणेश चतुर्थी के दूसरे दिन से लगातार गौ माता आती है। शाम की आरती में शामिल होती है और प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही लौटती है।

जी हां.. यह पढ़ने के बाद आपको थोड़ा आश्चर्यजनक लगेगा लेकिन यह सच है कि सिद्धि विनायक महिला समिति ने शिवाजी नगर के पास स्थित द्वारका बिहार में गणेश जी की स्थापना की थी। इसके दूसरे दिन से ही यहां पर गणेश जी की आरती के समय गाय आकर खड़ी हो जाती है और जब तक वहां से नहीं जाती तब तक की गणेश जी की आरती पूरी नहीं होती। वह अन्य भक्तों के साथ खड़ी रहती है और उसके बाद प्रसाद ग्रहण करने के बाद लौट जाती हैं।

समिति से जुड़े रिद्धि शांडिल्य के मुताबिक बुधवार को सफेद और काली दो गाय पंडाल में आई थी। जैसा कि बुधवार का दिन भगवान गणेश का होता है। इस दिन गणेश जी की विशेष पूजा की जाती है जिससे भक्तों को विशेष लाभ मिलता है। वही पंडित शिवानंद शास्त्री का कहना है कि, ये गौमाता प्रतिदिन भगवान गणेश के दर्शन करने के लिए आती है। हो सकता है शायद गौ माता अपनी मुक्ति का मार्ग ढूंढ रही है।

पंडित शिवानंद ने आगे कहा कि, “गणपति भगवान शिव के पुत्र हैं और शिव नंदी की सवारी करते हैं। इस प्रकार गौ माता नंदी की मां हुई। बहुत से जानवर ऐसे होते हैं जो मानवीय व्‍यवहार को समझते हैं। इसलिए गौ माता सुबह शाम गणपति की जी की आरती में शामिल हो उनके दर्शनों के लिए आती हैं।”

बता दे, जैसे ही गौमाता पंडाल में आती है तो वहां पर मौजूद कई लोग उसके लिए अलग जगह छोड़ देते हैं। विशेष बात ये है कि, वहां पर उपस्थित लोगों को गाय किसी प्रकार का नुकसान भी नहीं पहुंचाती है। इस खूबसूरत नजारे को देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है। बता दें गाय से जुडी कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसे देखने के बाद हर कोई हैरानी जता रहा है। हालांकि यह नजारा देखना बहुत सुखद और खूबसूरत है।

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