अध्यात्म

अगर आप में है यह गुण तो कोई भी नहीं देखेंगा आपकी तरफ गलत नजरों से, जानिये क्यों ?

इनन का जीवन कई योनियों के बाद प्राप्त होता है, इसे व्यर्थ ही नहीं गँवा देना चाहिए। किसी भी इंसान को महान उसका चरित्र ही बनाता है। अगर आपका चरित्र अच्छा होगा तो लोग आपकी प्रशंसा करेंगे, जबकि अगर आपका चरित्र ख़राब होगा तो लोग आपकी तरफ देखेंगे भी नहीं। बुरे चरित्र वालों की समाज में कोई इज्जत नहीं होती है। इसलिए व्यक्ति के पास कुछ हो ना हो अच्छा चरित्र जरुर होना चाहिए।

साँप ऋषि को काटने का करने लगा प्रयत्न:

बहुत पहले की बात है। एक विशाल जंगल था, जंगल में एक बहुत ही भयानक और ज़हरीला साँप रहता था। साँप का आतंक इतना ज्यादा था कि इस रास्ते से गुजरने की किसी की हिम्मत नहीं होती थी। एक दिन एक ऋषि उस रास्ते से गुजर रहे थे। ऋषि को देखकर साँप उनको काटने का प्रयत्न करने लगा, लेकिन ऋषि को वह काट नहीं पाया क्योंकि ऋषि ने अपने योग बल से उसके ऊपर विजय पा ली।

यह देखकर साँप ऋषि के चरणों में गिर गया। ऋषि ने साँप को क्षमा करते हुए कहा आज से तुम किसी को नहीं काटोगे। साँप ने ऋषि की बात स्वीकार कर ली और ऋषि वहाँ से चले गए। उनके जानें के बाद साँप ने लोगों को काटना बंद कर दिया और पुनः जंगल से लोगों का आना-जाना शुरू हो गया। लोगों को देखते ही साँप वहाँ से हट जाता। कुछ चरवाहे लड़के भी वहाँ आने लगे। उन्होंने साँप को देखकर पत्थर मरना शुरू कर दिया।

साँप मार के डर से भागकर बिल में घुस गया। साँप काफी दुबला हो गया था। कुछ दिन बाद ऋषि फिर से उसी रास्ते से गुजरे और साँप ने उस ऋषि को अपनी व्यथा सुनाई। यह सुनकर ऋषि ने कहा तुम मुर्ख हो। मैंने तुम्हें लोगों को काटने से माना किया था, फुंफकारने से नहीं। यह कहकर ऋषि चले गए और सांप अब समझ चुका था। जैसे ही चरवाहे लड़के उसे पत्थर मारने के लिए उठे, साँप फुंफकार कर खड़ा हो गया, इतना देखकर सभी वहाँ से भाग गए।

नहीं करेगा कोई आपको परेशान:

मनुष्य को किसी को बेवजह परेशान नहीं करना चाहिए, लेकिन जब आपको कोई परेशान करे तो डरपोक बनकर नहीं रहना चाहिए। ऐसी छवि बनाकर रखनी चाहिए कि कोई आपको परेशान करने से पहले कई बार सोचे। अगर आपके चरित्र में यह गुण होगा तो कोई भी आपको गलत नजरों से नहीं देखेगा।

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