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मां तुझे नमन: बाघ ने बच्चे को जकड़ा तो 20 मिनट तक लड़ती रही मां, घायल होने पर भी नहीं मानी हार

कहते हैं एक मां को अपना बच्चा जान से भी ज्यादा प्यारा होता है। वह उसकी सुरक्षा के लिए अपनी जान दांव पर लगाने में जरा सा भी संकोच नहीं करती है। अब मध्य प्रदेश की इस बहादुर मां को ही देख लीजिए। वह अपने 15 महीने के बेटे को एक खूंखार भाग से छुड़ाकर ले आई। इस दौरान बाघ ने महिला के सीने में अपने नाखून तक गड़ा दिए लेकिन फिर भी महिला ने हार नहीं मानी और किसी तरह अपने मासूम बच्चे को उससे बचा लिया।

बच्चे को बचाने बाघ से भिड़ी मां

बहादुर मां का यह किस्सा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का है। यहां मानपुर बफर जोन से लगी ज्वालामुखी बस्ती में रोहनिया गांव में अर्चना चौधरी (पति भोला चौधरी) रहती है। रविवार 4 सितंबर सुबह 10 बजे वह अपने 15 महीने के बेटे राजवीर को पास के बाड़े में शौच कराने ले गई थी। तभी अचानक से झाड़ियों में छिपे बाघ ने बच्चे पर हमला बोल दिया। बाघ लकड़ी-कांटे की फेंसिंग को लांघकर आयबौर बच्चे को जबड़े में दबा लिया।

अपने बच्चे को बाघ के मुंह में देख मां घबरा गई। हालांकि उसने बहादुरी दिखाई और बाघ से भिड़ गई। उसकी बाघ से ये भिड़त करीब 20 मिनट चली। इस दौरान बाघ के तेज नाघून महिला के फेफड़ों तक पहुंच गए। लेकिन फिर भी वह बेटे की खातिर बाघ से लड़ती रही।

बच्चा सुरक्षित, मां की हालत गंभीर

जल्द शोर शराबा सुन बस्ती के लोग आ गए। सभी ने लाठियों से बाघ को जंगल में भगा दिया। बाद में लोग मां बेटे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। यहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें जिला अस्पताल भेजा गया। डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे के सिर में चोट आई है, लेकिन वह अब खतरे से बाहर है।

वहीं मां की हालत गंभीर है। बाघ के नाखून उसके फेफड़ों तक चले गए। उसकी गर्दन भी टूट गई। सिविल सर्जन डॉ. एलएन रूहेला ने बताया कि टांके लगाने के बाद भी खून बंद नहीं हो रहा था। फिलहाल महिला को जबलपुर रैफर किया गया है।

पहले भी सामने आया था ऐसा मामला

इस घटना के बाद टाइगर रिजर्व के अधिकारी गांव के लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दे रहे हैं। उन्होंने खेत में छिपे बाघ को जंगल भागने के लिए हाथियों की सहायता भी ली है। वैसे ऐसा ही एक और मामला बीते दिसंबर सीधी जिले में देखने को मिला था। यहां संजय टाइगर बफर जोन टमसार रेंज अंतर्गत बाड़ीझरिया गांव में एक मां अपने 8 साल के बेटे राहुल को बचाने तेंदुए से भिड़ गई थी।

मां शाम को अपने 3 बच्चों के साथ आग में हाथ ताप रही थी। तभी तेंदुआ उसके एक बच्चे को उठा ले गया था। मन ने तेंदुए का पीछा किया और उससे लड़ाई भी की। मां की बहादुरी के आगे तेंदुए को भी हार माननी पड़ी थी।

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