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इस फिल्म के कारण पिता के दुश्मन बन गए थे राजीव कपूर, नहीं किया था राज कपूर का अंतिम संस्कार

दिवंगत और दिग्गज अभिनेता राज कपूर एक बेहतरीन निर्देशक भी थे. राज कपूर साहब की नक्शेकदम पर उनके तीनों बेटे रणधीर कपूर, ऋषि कपूर और राजीव कपूर भी चले. तीनों ने ही पिता की राह पर चलते हुए हिंदी सिनेमा में काम किया. हालांकि सबसे सफल और लोकप्रिय हुए ऋषि कपूर.

rajiv kapoor

ऋषि कपूर ने अपने दोनों भाईयों की तुलना में बहुत अधिक नाम कमाया. उनके बड़े भाई रणधीर कपूर भी ज्यादा सफल नहीं रहे और न ही छोटे भाई राजीव कपूर. राजीव कपूर ने साल 1985 में आई अपने पिता राज कपूर द्वारा निर्देशित फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ (Ram Teri Ganga Maili) से ख़ास पहचान हासिल की थी.

rajiv kapoor

राजीव कपूर की पहले फिल्म थी ‘एक जान हैं हम’. यह फिल्म साल 1983 में रिलीज हुई थी. लेकिन उन्हें पहचान ‘राम तेरी गंगा मैली’ से मली थी. उन्होंने इस फिल्म में मंदाकिनी के साथ काम किया था. यह मंदाकिनी की पहली फिल्म थी. फिल्म बेहद सफल रही थी और मंदाकिनी एवं राजीव की जोड़ी भी. आपको बता दें कि राजीव कपूर अब इस दुनिया में नहीं है. उनका 9 फरवरी 2021 को निधन हो गया था. वहीं आज (25 अगस्त ) उनकी जयंती है.

rajiv kapoor

राजीव कपूर का जन्म 25 अगस्त 1962 को मुंबई में हुआ था. आज वे जीवित होते तो अपना 60वां जन्मदिन मनाते. राजीव कपूर ने फ़िल्मी दुनिया में अपने पिता और भाईयों ऋषि एवं रणधीर कपूर की तरह नाम नहीं कमाया. उनकी गिनती हिंदी सिनेमा के फ्लॉप अभिनेताओं में होती है. आइए आज आपको उनकी 60वीं जयंती के मौके पर उनसे जुड़ी कुछ ख़ास बातें बताते हैं.

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आपको बता दें कि राजीव चाहे ‘राम तेरी गंगा मैली’ के जरिए चर्चा में आए हो लेकिन उन्हें मंदाकिनी की तुलना में बेहद कम लोकप्रियता और सफलता मिली. आज भी इस फिल्म की बात होती है तो सबकी जुबान पर मंदाकिनी का ही नाम होता है. मंदाकिनी के किरदार के आगे राजीव बहुत छोटे साबित हुए थे.

rajiv kapoor and raj kapoor

बताया जाता है कि राजीव ने मंदाकिनी की ज्यादा लोकप्रियता और अपनी कम लोकप्रियता का कारण राजीव ने पिता राज कपूर को माना. क्योंकि वे इसके निर्देशक थे. राजीव ने इसके बाद राज से कहा कि वे इसी तरह की एक और फिल्म बनाए और उन पर ज्यादा फोकस किया जाए. लेकिन राज ने मना कर दिया और इस वजह से राज एवं राजीव के रिश्ते में दरार पड़ गई.

राज कपूर के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुए थे राजीव…

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बता दें कि राजीव कपूर पिता राज कपूर से इस कदर नाराज थे कि जब साल 1988 में राज कपूर साहब ने दुनिया को अलविदा कहा था तो उनके अंतिम संस्कार में राजीव शामिल नहीं हुए थे. इस बात से साफ़ समझा जा सकता है कि पिता-पुत्र के बीच रिश्ते किस कदर बिगड़े थे.

59 की उम्र में हो गया था निधन…

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राजीव ने अपने करियर में ‘लवर ब्वॉय’, ‘अंगारे’, ‘जलजला’, ‘शुक्रिया’, ‘हम तो चले परदेस’ जैसी फिल्मों में कमा किया. महज 59 शला की उम्र में मुंबई में उनका निधन हो गया था.

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