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जब माता अमृतानंदमयी से मिले मोदी, ऐसा लगा मानो मां बेटा बरसों बाद मिले, दिखा अद्भुत स्नेह -Pics

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी अपने से किसी बड़े से मिलते हैं तो उन्हें खूब सम्मान देते हैं। देश की जनता को उनकी यही बात खूब भाती है। अब हाल ही में पीएम हरियाणा के फरीदाबाद में अमृता हॉस्पिटल का उद्घाटन करने पहुंचे। यह एशिया का सबसे बड़ा हॉस्पिटल बताया जा रहा है। अभी इसका निर्माण कार्य चल रहा है।

अमृता हॉस्पिटल के उद्घाटन में पहुंचे मोदी

इस अस्पताल को बनाने में 4 हजार करोड़ रुपए तक की लागत लग सकती है। यह अस्पताल एशिया के सबसे बड़े सुपर स्‍पेशियलिटी सेंटर्स में से एक होगा। यहां कम कीमतों पर अच्छा इलाज किया जाएगा। इस अस्पताल को मां अमृता आनंदमयी अम्मा के ट्रस्ट ने बनवाया है।

हाल ही (24 अगस्त, बुधवार) में पीएम मोदी को इस अस्पताल का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया गया था। इस दौरान PM मोदी और माता अमृतानंदमयी के बीच मां बेटे जैसा प्यार व अद्भुत स्नेह दिखा। यह दोनों जब आपस में मिले तो उन्हें देखा ऐसा लगा मानो जैसे कोई मां बेटे कई सालों बाद एक दूसरे से मिले हो।

माता अमृतानंदमयी और मोदी में दिखा स्नेह

पीएम मोदी ने जैसे ही हॉस्पिटल के अंदर कदम रखा तो माता अमृतानंदमयी उनके स्‍वागत को खड़ी दिखाई दी। माता को देखते ही मोदी ने अपना सिर झुकाया और उनका आशीर्वाद लिया। ऐसे में माता अमृतानंदमयी मोदी को कंधे पकड़कर उठाया। फिर प्यार से उनके माथे पर हाथ फेर दिया।

इसके बाद दीप प्रज्‍ज्‍वलन की बारी आई। मोदी ने माता अमृतानंदमयी से इसे प्रज्वलित करने की विनती की। हालांकि अमृतानंदमयी ने एक स्माइल के साथ सिर हिलाकर मना कर दिया। फिर उन्होंने दीप ज्योति मोदी के हाथ में थमा दी और उन्हें इसे प्रज्वलित करने को कहा।

मोदी ने पैर छूकर लिया आशीर्वाद

वहीं मोदी जब ‘अमृता’ अस्‍पताल के उद्घाटन समारोह के लिए मंच पर आए तो उन्होंने माता अमृतानंदमयी के पैर छोकर उनका आशीर्वाद लिया। यह देख माता अमृतानंदमयी ने भी मोदी को चूमकर अपना आशीर्वाद दिया। माता अमृतानंदमयी और मोदी के बीच यह प्यार दुलाह देख हर किसी का दिल प्रसन्न हो गया।

वैसे बता दें कि मोदी और माता अमृतानंदमयी का पुराना नाता रहा है। 2013 में माता अमृतानंदमयी के 60वें जन्‍मदिन पर मोदी ने कहा था कि वे अम्मा के बड़े भक्त हैं। मोदी ने उद्घाटन करने के बाद एक भाषण भी दिया। इसमें उन्होंने अस्पताल को इमारत और तकनीक के अलावा आध्यात्मिकता के लिहाज़ से भी आलोकिक बताया।

अस्पताल की तारीफ में कहे शब्द

मोदी ने आगे कहा कि भारत में इलाज एक सेवा मानी जाती है। आरोग्य एक दान है। और फिर यहां तो आरोग्य और आध्यात्म एक दूसरे से जुड़ा है। हम मेडिकल साइन्स को भी आयुर्वेद कहते हैं। भारत में आयुर्विज्ञान एक वेद है। भारत में जब कोरोना वैक्सीन को लेकर दुष्प्रचार और अफवाहें फैलाई जा रही थी तो समाज के धर्मगुरू, अध्यात्मिक गुरू ने लोगों से इन पर ध्यान ना देने के लिए कहा था। इसका तुरंत असर भी देखने को मिला था।

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