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अक्टूबर में भारत की NSG में एंट्री तय, जानिये क्यों विरोध करने का जोखिम नहीं लेना चाहेगा चीन

नई दिल्ली (३१ जुलाई): आगामीअक्टूबर महीने  NSG के सलाहकार समूह की बैठक अक्टूबर में प्रस्तावित है, इस बैठक मैं न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप यानी एनएसजी में भारत को जगह मिल सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अमेरिकी चुनाव के ठीक पहले भारत को एनएसजी में शामिल कराने के लिए फिर से जोर लगाएंगे।

यह अनुमान किया जा रहा है दक्षिणी चीन सागर विवाद में फंसा हुआ चीन पिछली बार की तरह इस बार भारत का एकतरफा विरोध करने का जोखिम लेना नहीं चाहेगा।

– एनएसजी के सलाहकार समूह की बैठक अक्टूबर में प्रस्तावित है।भारत की सदस्यता पर विचार के लिए ४८ सदस्यीय एनएसजी के सभी देशों की विशेष बैठक बुलाई जा सकती है।

– ओबामा के नेतृत्व में अमेरिका ने इसके लिए प्रयास शुरू कर दिये हैं।

– नवंबर में होने वाला अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए चुनाव से पहले ओबामा भारत की एनएसजी में सदस्यता सुनिश्चित करा लेने की कोशिश करेंगे।

– अक्टूबर में भारत के एनएसजी की सदस्यता लेने के लिए अंतरराष्ट्रीय माहौल अनुकूल होगा।

 

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– दक्षिणी चीन सागर विवाद में अंतरराष्ट्रीय पंचाट के फैसले से चीन दबाव में है। अब ये दबाब को और बढाना नहीं चाहेगा

– चीन ने भारत को स्पष्ट संकेत किया था कि एनएसजी जैसे मुद्दों पर साथ के लिए उसे भी चीन के प्रति नरम रवैया अपनाना चाहिए।

चीन को MTCR में एंट्री चाहिए तो उसे भारत का समर्थन करना पड़ेगा,क्योकि भारत के समर्थन के बिना चीन को इसमें एंट्री नहीं मिल पायेगी

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