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सड़क पर पड़ा था लावारिस बैग, खोला तो अंदर दिखे 45 लाख रुपए, फिर सिपाही ने जो किया वह अद्भुत था

महंगाई के जमाने में हर कोई पैसो के पीछे भागता है। हर किसी की बस यही जुगाड़ होती है कि कहीं से भी पैसा मिल जाए। ऐसे में जरा सोचिए यदि किसी को लाखों रूपयों से भरा बैग मिल जाए तो क्या होगा? यकीनन इतने सारे पैसे एक साथ देख कर किसी की भी नियत डोल जाएगी। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे सिपाही से मिलाने जा रहे हैं जिसकी ईमानदारी की चमक के आगे पैसों की चकाचौंध भी फीकी पड़ गई।

सिपाही ने वापस किया पैसों से भरा बैग

दरअसल छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां यातायात विभाग में तैनात कांस्टेबल नीलांबर सिन्हा को सड़क पर एक लावारिस बैग मिला था। इस बैग में पूरे 45 लाख रुपए थे। यह 2000 और 500 के नोटों के अलग-अलग बंडलों में रखे थे। कांस्टेबल चाहता तो पैसों से भरा ये बैग अपने पास रख लेता। इससे उसकी आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत बन जाती। लेकिन उसने ईमानदारी की मिसाल पेश की। इस बैग को थाने में जमा करवा दिया।

सिपाही नीलांबर सिन्हा ने बताया कि वह शनिवार को एयरपोर्ट पर अपनी ड्यूटी खत्म कर वापस घर लौट रहा था। तभी रास्ते में राय पब्लिक स्कूल के पास उसे एक सफेद कलर का बैग दिखा। जब उसने उस बैग को खोला तो उसके होश उड़ गए। बैग में करीब 4500000 रुपए थे। ऐसे में सिपाही ने इस बैग को छिपाने के बजाय अपने बड़े अधिकारियों को इसकी जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने की तारीफ

सिपाही ने ये भी कहा कि जब वह बैग की नोटों की गड्डी गिन रहा था तो वहां से एक ऑटो वाला गुजरा। उसने मुझे 500 रुपये के नोटों की एक गड्डी छीन ली और भाग गया। हालांकि बाद में पुलिस की टीम ने उसे गिरफ्तार भी कर लिया। उधर सिपाही की ईमानदारी देख मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी खुश हुए। उन्होंने सिपाही नीलांबर सिन्हा की ईमानदारी की मिसाल देते हुए समाज को संदेश दिया।

मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर लिखा –  ट्रैफिक आरक्षक नीलांबर सिन्हा जैसे ईमानदार लोग समाज के लिए आज के समय में ईमानदारी का पर्याय हैं। नीलांबर को लावारिस हालत में 45 लाख रुपए से भरा बैग प्राप्त हुआ था, जिसे उन्होंने एसएसपी रायपुर को लौटा दिया। ऐसे ईमानदार व्यक्तित्व समाज के लिए आदर्श हैं। हम सब इनको सलाम करते हैं।


बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी ने पैसों से भरा बैग वापस किया हो। इसके पहले भी कई ऑटो चालक उनके वाहन में यात्रियों के द्वारा भुला हुआ पैसों से भरा बैग वापस कर ईमानदारी की मिसाल दे चुके हैं।

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