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मुस्लिमों के पवित्र स्थल मक्का में चोरी चुपके जा घुसा गैर-मुस्लिम शख्स, बनाया Video, मचा हंगामा

सऊदी अरब के मक्का और मदीना शहर को मुस्लिमों का पवित्र स्थल माना जाता है। यहां गैर मुस्लिमों के प्रवेश पर पाबंदी है। लेकिन हाल ही में एक गैर मुस्लिम शख्स चोरी छिपे मक्का शहर में जा घुसा। उसने यहां एक वीडियो भी बनाया। जब ये वीडियो वायरल हुए तो हंगामा मच गया। दुनिया भर के मुस्लिमों के मन में उस शख्स के प्रति गुस्सा भर गया।

गैर मुस्लिम शख्स को मक्का में घुसना पड़ा महंगा

दरअसल ये शख्स इस्त्राइल के रहने वाले गिल तमारी थे। वह यहूदी धर्म से ताल्लुक रखते हैं। वे पेशे से ‘चैनल 13’ नाम के एक न्यूज चैनल में एक रिपोर्टर हैं। वे बीते सप्ताह एक लोकल कॉन्फ्रेंस को कवर करने सऊदी अरब गए थे। इस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी शामिल थे। गिल तमारी को इसी सिलिसले में सऊदी अरब आने की अनुमति मिली थी। लेकिन वे सोमवार (18 जुलाई) को चोरी चुपके से मक्का शहर में घुस गए।

मक्का पहुंचते ही रिपोर्टर ने वहाँ वीडियो शूट करना शुरू कर दिया। उन्होंने मक्का शहर में घूमने को लेकर एक 10 मिनट की डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी बनाई। इस फिल्म को उन्होंने मक्का की कई जगहों पर शूट किया।

इस दौरान वे मक्का की ग्रैंड मस्जिद और माउंट अराफात भी गए। उन्होंने अपनी डॉक्यूमेंट्री में हिब्रू भाषा में रिपोर्टिंग की। इसके अलावा उन्होंने कुछ जगहों पर अंग्रेजी भी बोली। ऐसा उन्होंने इसलिए किया ताकि किसी को उनके इजरायली होने पर शक न हो।

सोशल मीडिया पर भड़के मुस्लिम

हालांकि जब इस यहूदी इजरायली पत्रकार का मक्का पहुंचने का वीडियो वायरल हुआ तो सोशल मीडिया पर उसकी तीखी आलोचना की गई। दुनियाभर के मुस्लिमों ने इसे गलत बताया। जल्द ही सोशल मीडिया पर ‘ज्यू इन द हरम’ हैशटैग ट्रेंड होने लगा।

बता दें कि रिपोर्टर ने मक्का शहर के विश्व प्रसिद्ध मक्का गेट को भी दिखाया। इसी गेट से मक्का शहर की सीमा शुरू होती है। इस गेट के अंदर किसी भी गैर मुस्लिम शख्स का प्रवेश करना मना है। यदि कोई गैर मुल्सिम शहर की सीमा में आता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाता है। साथ ही उसे डिपोर्ट भी किया जाता है।

पत्रकार और चैनल ने मांगी माफी

इस पूरी घटना की इस्त्राइल के लोगों ने भी निंदा की। उन्होंने इसे एक बेवकूफाना कदम बताया। उधर वीडियो बनाने वाले इस्त्राइली पत्रकार और चैनल ने अपनी इस हरकत के लिए सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी। चैनल ने कहा कि हमारा उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। यह बस एक जिज्ञासा थी। वैसे भी पत्रकारिता में जिज्ञासा आत्मा जैसी होती है।

इसके अलावा इजरायल के दूसरे मुस्लिम मंत्री रहे फ्रेज ने कहा कि यह मुस्लिमों का पवित्र स्थान है। यदि आपको वहां रिपोर्टिंग करनी थी तो किसी मुस्लिम पत्रकार को भेजते। आपके इस कदम से सऊदी अरब, इजरायल के रिश्तों को सामान्य करने के प्रयासों की संभावना को नुकसान होगा।

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