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आतंकियों के समर्थन मैं उतरे राहुल गांधी

पहले गुजरात के ऊना क्षेत्र में दलित पीड़ितों से मिलने और अब गांधी परिवार का वारिस कश्मीर में हिंसक प्रदर्शन के दौरान सैना की कार्यवाही में पैलेट गम से घायल हुए कश्मीरी नौजवानों का हाल पूछने एम्स (AIIMS) गया। राहुल गांधी ने घायल नौजवानों का हाल-चाल पूछा और उनके इलाज की जानकारी ली। वैसे तो राहुल गांधी कई बार अपनी कमज़ोर राजनितिक दक्षता का नमूना पेश कर चुके हैं, लेकिन फिर भी खुद को देश का सबसे बड़ा से शुभ चिंतक दिखाने में कोई कसार नहीं छोड़ते। देश की जनता भी बेवकूफ नहीं है, राहुल जी, सब जानते हैं की ये सब नाटक अपनी तरफ वोट खींचने के लिए किए जा रहे हैं। अच्छा होगा की जगह-जगह घुमने के ढोंग के बजाय, इमानदारी से देश की भलाई के लिए कार्य किए जाए।
अभी हमे इस बात का इंतज़ार है की क्या राहुल गांधी उन घायल सैनिकों के से या फिर कम से कम उन के परिवार से मिलेंगे जिन्होने कश्मीर  की सुरक्षा के लिये अपनी जान दे दी..

The mother of Tushar Mahajan, an Indian army officer who was killed in a gunbattle, weeps as she touches the coffin of her son Tushar during his wreath laying ceremony in Udhampur, north of Jammu, February 22, 2016.
The mother of Tushar Mahajan, an Indian army officer who was killed in a gunbattle, weeps as she touches the coffin of her son Tushar during his wreath laying ceremony in Udhampur, north of Jammu, February 22, 2016.

जरा सोचिये यदि इस देश के शहीदों को भगवान एक दिन के लिए वापस इस देश में आने का अवसर दें तो उनकी इस सब को देख कर प्रतिक्रिया क्या होगी ? वो यही कहेंगे कि भारत माता के लिए जान देकर तो उन्होंने कोई गलती नहीं की लेकिन ऐसे इन देशवासियों के लिए जान देना शायद बेवकूफी ही था |

पर वो तो वोट बेंक नहीं है, उन की जान की परवाह राहुल गांधी को कहां? जवानों की फ़िक्र किसे है देश मैं, सिर्फ वोट पाने की नियत से ऐसे नेता और क्या क्या कर सकते हैं ?

पर ये बात समझने की ज़रूरत है की लाखों विद्याथी को, जो  NSUI के माध्यम से राहुल गांधी को समर्थन करते हैं और उंहे अपन नेता मानाते हैं.  कृपया इतना ध्यान रखिये कि कहीं आपकी राजनैतिक दिलचस्पी देशद्रोह का रूप न ले ले | किसी भी हालात में आप देशद्रोह का समर्थन न करें | कुछ गिने चुने देशद्रोहियों की वजह से यह देश कई देशभक्त होने के बावजूद गुलाम बना और हर बार ऐसे लोगों ने इस देश को गुलाम बनाया जो कि शक्ति के मामले में भारत के आगे कुछ भी नहीं थे | अपने देश के इतिहास से शिक्षा लें और अपनी राजनैतिक पसंद नापसन्द को देशप्रेम के ऊपर हावी न होने दें | कहीं ऐसा न हो कि आपकी राजनैतिक पसंद नापसन्द के चक्कर में आप देशद्रोह कर बैठें |

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