PM मोदी संग मुलाकात करने पर नाराज़ हो गए थे प्रशांत किशोर के पिता, 6 महीने तक नहीं की बात
प्रशांत किशोर चुनावी रणनीतिकार और देश की जानी मानी शख्सियत है. इन दिनों प्रशांत बिहार के अलग-अलग जिलों के भ्रमण पर हैं. कारण यह है कि वे अपने जन सुराज अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं और इसके विस्तार हेतु इन दिनों व बिहार में जगह जगह घूम रहे हैं.
हाल ही में अपनी इस यात्रा के दौरान उनका आना बिहार के एकमा में हुआ. बता दें कि एकमा बिहार के सारण जिले में स्थित है. यहां एक कार्यक्रम के दौरान चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आम लोगों से बातचीत की. एकमा के आम लोगों से संवाद के दौरान प्रशांत ने खुद के निजी जीवन से जुड़ा एक बहुत बड़ा और ख़ास किस्सा सुनाया.
प्रशांत किशोर ने जो किस्सा सुनाया वो उनके पिता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ा हुआ है. एकमा के नागरिकों, महिलाओं और युवाओं के साथ बातचीत करते हुए प्रशांत ने एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि एक बार जब वे प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे तो इससे उनके पिता नाराज और गुस्सा हो गए थे. किशोर ने नौकरी छोड़कर पीएम मोदी से मुलाकात की थी. हालांकि उनके पिता को यह बात पसंद नहीं आई.
केवल प्रशांत के पिता गुस्सा और नाराज हुए बल्कि उन्होंने अपने बेटे से इसके लिए कई महीनों तक बातचीत बंद कर दी थी. लेकिन इसके पीछे की वजह क्या रही. आइए आपको पूरा किस्सा विस्तार से बताते हैं. जन सुराज अभियान के तहत एकमा पहुंचे पीके यानी कि प्रशांत किशोर ने कहा कि 2011 में संयुक्त राष्ट्र की नौकरी छोड़ कर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ कुपोषण पर काम करने गुजरात आया था.
प्रशांत ने बताया कि मैं संयुक्त राष्ट्र में नौकरी कर रहा था. साल 2011 में मैंने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया. इसके बाद वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कुपोषण पर काम करने के लिए गुजरात आ गया था. बता दें कि तब पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे.
प्रशांत ने बताया पिता की नाराजगी और गुस्से का कारण…
आगे पीके ने पिता के गुस्से और नाराजगी के पीछे की वजह का भी खुलासा किया. दरअसल प्रशांत के पिता उनके द्वारा छोड़ी गई नौकरी से गुस्से में थे. उनका कहना था कि विदेश की अच्छी खासी नौकरी छोड़ कर यहां क्यों आ गए. प्रशांत ने बताया कि इस वजह से मेरे पिता ने मुझसे 5-6 महीने तक बात नहीं की.
पिता कहते थे लड़का पागल हो गया…
नौकरी छोड़ने के बाद प्रशांत किशोर के जीवन में जो चाहे परिवर्तन आया हो लेकिन उनके पिता काफी गुस्सा में थे और उनका गुस्सा जायज भी था. प्रशांत ने कहा कि, ”पिताजी मेरी मां से कहते थे, “तुम्हारा लड़का पागल हो गया है. ये नया कुछ बनाने आया है, यह लोगों को सिखाएगा? कुछ नहीं होने वाला है, कोई इसकी बात नहीं सुनेगा. फिर थक-हार कर जो था वो भी हाथ से निकल जाएगा”.
प्रशांत ने इस दौरान यह भी कहा कि राजनीति से उनका कोई संबंध नहीं है. पीके कहते है कि, ”मीडिया मेरा परिचय चुनावी रणनीतिकार, राजनीतिक सलाहकार और भी न जाने किन-किन नामों से करती है, पर मेरा राजनीति से कोई लेना-देना नहीं रहा है”.
एक चुनाव छोड़कर कोई चुनाव हारा नहीं…
प्रशांत किशोर ने अलग-अलग नेताओं और अलग-अलग पार्टियों के लिए काम किया है. वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विश्लेषक के रूप में भी काम आकर चुके हैं. उन्होंने बताया कि साल 2011 से लेकर साल 2021 तक इन 10 सालों में 11 . केकिन इस दौरान छोटे-बड़े चुनावों से मैं जुड़ा लेकिन 2017 का यूपी विधानसभा का चुनाव छोड़कर मैं कोई चुनाव हारा नहीं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे चुनावों या राजनीति की बहुत समझ है.