बॉलीवुड

शादी के एक साल बाद ही हिन्दू पति शिरीष कुंदर से अलग होना चाहती थीं फराह खान? बयां किया दर्द

बॉलीवुड इंडस्ट्री की जानी-मानी डायरेक्टर और कोरियोग्राफर फराह खान आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है। उन्होंने अपने करियर में कई फिल्मों का निर्माण किया। बता दे हाल ही में फराह खान को रियलिटी शो ‘स्वयंवर मीका दी वोटी’ में नजर आई जहां पर उन्होंने अपनी शादी से जुड़े कई खुलासे किए। इस दौरान फराह खान ने बताया कि वह शादी के बाद अपने रिश्ते से भाग जाना चाहती थी। आइए जानते हैं फराह खान ने ऐसा क्यों कहा?

फराह खान ने खुद से 8 साल छोटे शख्स से रचाई शादी
सबसे पहले हम आपको यह बता दे कि फराह खान ने 9 दिसंबर साल 2004 को शिरीष कुंदर के साथ शादी रचाई थी। बता दे शिरीष कुंदर फिल्म एडिटर है और वह फराह खान से करीब 8 साल छोटे हैं।

farah khan shirish kunder

शादी के 4 साल बाद साल 2008 में इनके घर 3 बच्चों का जन्म हुआ। वहीं अपनी शादी के बारे में बात करते हुए फराह खान ने कहा था कि, “मुझे लगता है कि शादी के लिए कोई स्टैंडर्ड उम्र नहीं होती। जब आपको सही इंसान मिले, तब आप शादी कर सकते हैं। मैं शादी के सालभर बाद ही अपने रिश्ते से भाग जाना चाहती थी, क्योंकि एडजस्ट करना मुश्किल हो रहा था।”

farah khan and shirish kunder

इसके अलावा फराह ने शो के दौरान मीका सिंह को अपना भाई बताया और कहा, “मीका बहुत संवेदनशील व्यक्ति हैं, केवल एक सुलझी हुई लड़की ही उन्हें संभाल सकती है।” बता दे फराह खान ने अपने करियर में ‘तीस मार खां’, ‘में हूं ना’, ‘ओम शांति ओम’ जैसी फिल्म बनाई। हालाँकि उनकी फिल्म ‘तीस मार खां’ बुरी तरह फ्लॉप हुई थी।

farah khan

farah khan and shirish kunder

पहली बार ‘तीस मार खां’ की असफलता पर बोली फराह खान
उन्होंने अपनी इस फिल्म की असफलता को लेकर कहा कि, “मुझे आज भी याद है कि किस तरह तीस मार खान के बारे मे लोगों ने काफी कुछ कहा था। मैं फाइटर और सर्वाइवर रही हूं। ‘तीस मार खान’ के गाने ‘शीला की जवानी’ के लिए मुझे बेस्ट कोरियोग्राफर का अवॉर्ड मिला था, बावजूद इसके मैं इस फिल्म के बाद घर से बाहर नहीं निकलना चाहती थी। मेरी सासू मां ने मेरा हौसला बढ़ाया। समय और उतार-चढ़ाव के साथ मैं बड़ी और समझदार होती गई। मेरे बच्चे हुए। समय के साथ सब बदल गया।

farah khan

आगे फराह खान ने कहा कि, आज मैं महसूस करती हूं कि जो तुम्हारा है, वह तुम्हारे पास आकर ही रहेगा। अब मैं असुरक्षित नहीं हूं। कभी मैं जो इंसान हुआ करती थी, आज मुझे उस भावना से नफरत है। जाहिरतौर पइंसान का स्वभाव ऐसा है कि कई बार जब किसी की फिल्म अच्छी नहीं चलती तो वे खुश हो जाते हैं। यही इस इंडस्ट्री की विशेषता है और उसका क्या कर सकते हैं। आज मैं जानती हूं कि फिल्म जब भी जिस किसी की किस्मत में होगी, उसके साथ बनेगी।”

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