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मां करती है मनरेगा में काम व पिता डूबे हैं क़र्ज़ में, बेटे ने IAS बन सफल कर दी दोनों की तपस्या

राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले सोहनलाल की सफलता की कहानी उन लोगों के लिए मिसाल है जो आर्थिक कठिनाइयों के बीच अपने बच्चों को पढ़ालिखा कर उन्हें एक सम्मान के पद पर पहुंचाना चाहते हैं। 2021 की सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले सोहनलाल के माता-पिता ने अपनी मेहनत, सोच और साहस से अपने बच्चों को उस मुकाम तक पहुंचाया है जहां पहुंचने का सपना भी सब लोग नहीं देख पाते। सोहनलाल ने तो IAS बनकर अपने माता-पिता के हृद्य को संतोष से भर दिया है।

सोहनलाल की सिविल सेवा परीक्षा में 681वीं रैंक

आपको बता दें कि जोधपुर के तिवरी तहसील के रामपुरा गांव की मीरा देवी और गोरधन राम सिहाग के बेटे सोहनलाल ने 2021 की सिविल सेवा परीक्षा में 681वीं रैंक लाकर पूरे इलाके का नाम रौशन कर दिया है।

सोहन लाल की मां मीरा देवी मनरेगा स्कीम के तहत गांव में मजदूरी करती हैं जबकि पिता किसान हैं। मजदूर और किसान के रूप में जाने वाले ये दंपति अब एक आईएएस अफसर के माता-पिता के रूप में जाने जाते हैं। मां ने तो कह दिया है कि जैसे ही बेटा कलेक्टर की कुर्सी पर बैठेगा वो मजदूरी करना छोड़ देंगी।

कर्ज लेकर बच्चों को पढ़ाया

IAS सोहनलाल के माता-पिता की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। दोनों ने मजदूरी और किसानी कर कड़ी मेहनत से बच्चों को पढ़ाया। पढ़ाई में जब खर्चे बढ़ने लगे को पिता गोरधन राम सिहाग ने 15 बीघा खेती की जमीन के एवज में करीब 20 लाख रुपए कर्ज भी लिए। कई  कठिनाइयां सामने आई लेकिन इस दंपति अपने बच्चों की पढाई से कोई समझौता नहीं किया।

गांव के स्कूल में पढ़े सोहनलाल

गोरधन राम सिहाग और मीरा देवी की तीसरे बेटे सोहनलाल ने गांव के स्कूलों में ही दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की। इंटरमीडिएट करने सोहनलाल कोटा चले गए। कोटा में उन्होंने IIT की भी तैयारी की और IIT-JEE में उनकी 54वीं रैंक आई। उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से बीटेक किया है।

गोरधन राम सिहाग और मनरेगा मजदूर मां मीरा देवी ने अपने दूसरे बच्चों की पढ़ाई पर भी खूब ध्यान दिया है।सोहनलाल के बड़े भाई श्रवण अमेरिका में PhD कर रहे हैं जबकि दूसरे भाई वसंत राजस्थान पीसीएस की तैयारी कर रहे हैं। बहन सुमित्रा ने BEd  किया है औऱ वो भी प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं।

सोहनलाल ने आईआईटी बॉम्बे से बीटेक की पढ़ाई के दौरान सिविल सेवा में जाने का फैसला ले लिया था। बीटेक करने के बाद वो सिविल सेवा की तैयारी के लिए दिल्ली आ गए। सोहनलाल को चौथे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा पास की औऱ 681वीं रैंक हासिल की है।

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