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बीपीएल कार्ड भरोसे जीवन बिता रहे पूर्व विधायक और उनके परिजन, हालत देख भावुक हो जाएंगे

आज के सांसदों और विधायकों का रुतबा किसी से छुपा नहीं है। जनप्रतिनिधि यानि नेता के नाम पर ब्लॉक प्रमुख से लेकर प्रधान तक नेतागिरी के रौब में रहते हैं। ये सभी जनता के सेवक माने जाते हैं लेकिन लगभग सबके पास गाड़ी, मकान और दूसरी संपत्ति आम तौर पर मिल जाएगी। पूर्व विधायक और पूर्व सांसदों की भी समाज में अच्छी सामाजिक और आर्थिक हैसियत होती है। लेकिन इन्हीं पूर्व विधायकों में एक ऐसे भी पूर्व विधायक हैं जिनकी कहानी आपके दिलोदिमाग को झकझोर देगी।

इन पूर्व विधायक की हालत इस हद तक खस्ताहाल है कि इनका और इनके परिवार की जीवन गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वालों के लिए जारी किए जाने वाले राशन कार्ड(बीपीएल कार्ड) के जरिए चल रहा है।

1967 में गुजरात में बने विधायक

हम जिन पूर्व विधायक की बात कर रहे हैं उनका नाम है जेठाभाई राठौड़ जो 167 में खेड़ब्रम्हा विधानसभा सीट से निर्दल उम्मीदवार के रूप मे जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। उन्होंने उस समय के मजबूत कांग्रेस उम्मीदवार को मात दी थी। सादा जीवन और उच्च विचार को मानने वाले जेठाभाई ने साइकिल से अपना चुनाव प्रचार किया था। जीतने के बाद भी वो अपने विधानसभा के लोगों से संपर्क करने के लिए साइकिल और बस का ही प्रयोग करते थे।

BPL कार्ड भरोसे जीवन, नहीं मिल रही पेंशन

पूर्व विधायक जेठाभाई और उनका पूरा परिवार बीपीएल कार्ड भरोसे अपना पेट भर रहा है। जेठाभाई के सभी बेटे मजदूरी करते हैं। उन्हें विधायक पेंशन भी नहीं मिल रही है। पेंशन को लेकर कोर्ट में वो कानूनी लड़ाई जीत चुके हैं। लेकिन कोर्ट का फैसला आने के बाद अब तक उन्हें पेंशन नहीं मिली है।

सरकार से मदद की गुहार

गुजरात के लोगों ने सरकार से पूर्व विधायक जेठालाल राठौड़ की मदद करने की गुहार लगाई है। लोगों का कहना जिस विधायक ने साइकिल से घर-घर जाकर लोगों की समस्याएं सुनीं हों आज उसको इस हालत में देखकर हम शर्मसार हैं। सरकार को पूर्व विधायक जेठालाल और उनके परिवार के आर्थिक मदद करनी चाहिए और उनकी पेंशन को भी तुरंत प्रदान करना चाहिए।

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