वीडियो – देखिए, क्या हुआ जब संसद में पहली बार ‘मोदी-सोनिया के बीच छिड़ी जुबानी जंग’
नई दिल्ली – देश जब स्वतंत्रता दिवस की 75वीं सालगिरह मनाने कि तैयारियों में व्यस्त है, ऐसे में बुधवार को संसद में देश पर लगभग 60 सालों तक राज करने वाली पार्टी की मुखिया सोनिया गांधी और वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आमना-सामना हुआ। ये पहली बार था जब संसद में एक ही दिन दोनों नेताओं ने अपनी बात रखी। दोनों नेताओं ने आजादी की 75वीं सालगिरह से पहले आजादी के वीर सिपाहियों को याद किया। लेकिन, दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता देखने को मिली। Modi vs Sonia in lok sabha.
दोनों नेताओं के बीच एजेंडों पर हुई जोरदार बहस
आपको बता दें कि ये पहला मौका था जब संसद में मोदी और सोनिया का आमना-सामना हुआ। भारत छोड़ो आंदोलन के 75 साल पूरे होने के मौके पर संसद में दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी बात रखी। पीएम मोदी ने आजादी की लड़ाई में शहीद हुए महापुरुषों कि बात की और जीएसटी को सरकार की उपलब्धि बताया। पीएम ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उछाला।
पीएम मोदी जब अपनी बात खत्म कर चुके थे तो सोनिया गांधी ने बोलना शुरु किया। सोनिया ने सबसे पहले फ्रीडम ऑफ स्पीच (बोलने की आजादी) और असहिष्णुता का मुद्दा उठाया। सोनिया गांधी ने कहा – भारत छोड़ो आंदोलन के 75 साल पूरे होने जा रहे हैं लेकिन देश में अभी भी बोलने की आज़ादी पर पाबंदियाँ लगाई जा रही हैं। देश में नफरत और विभाजन की राजनीति चल रही है और गैर कानूनी शक्तियां हावी हो रही हैं।
दोनों के बीच हुई प्रतीकों और नारों पर जुबानी जंग
इन मुद्दों के अलावा, दोनों नेताओं के बीच देश की आजादी के लिए हुए आंदोलन के प्रतीकों को लेकर जबरदस्त जुबानी जंग देखने को मिली। पीएम मोदी के भारत छोड़ो आंदोलन में गांधी जी के योगदान को सबसे अहम बताया तो सोनिया बार-बार आजादी के आंदोलन में नेहरू और कांग्रेस के योगदान को अहम बताती हुई दिखी। पीएम मोदी ने आजादी की लड़ाई में सभी के योगदान का जिक्र किया लेकिन नेहरू का नाम नहीं लिया।
दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच नारों की जंग भी हुई। मोदी ने कहा कि हमारे लिए पार्टी से बड़ा देश है और राजनीति से बड़ी राष्ट्रनीति है। पीएम ने भ्रष्टाचार, गरीबी, कुपोषण और शिक्षा की चुनौतियों का जिक्र किया। पीएम मोदी ने इस मौके पर देशवासियों को 6 संकल्प भी दिलाए। इसके विपरीत सोनिया ने आजादी को सुरक्षित रखने के लिए दमनकारी शक्ति के खिलाफ संघर्ष करने कि अपील की।