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2 हिंदू बहनों ने ईदगाह को दान की 1.5 करोड़ की जमीन, निधन के 20 साल बाद पूरी हुई पिता की इच्छा

दो बहनों ने सामाजिक सद्भाव की अनोखी मिसाल पेश की है। इन दोनों बहनों को पिता के देहांत के बाद जब उनकी इच्छा का पता चला तो उन्होंने करीब डेढ़ करोड़ की 4 बीघा जमीन ईदगाह को दान में दे दी ताकि उसका विस्तार किया जा सके। सौहार्द बढ़ाने वाली ये खबर उत्तराखंड से आई है। इन दोनों बहनों के दान ने मुसलमानों समुदाय इतना खुश हुआ कि उन्होंने मंगलावर को उनके दिवंगत पिता की आत्मा की शांति के लिए अल्लाह से दुआ मांगी।

उत्तराखंड के काशीपुर में सौहार्द की मिसाल

देश के विभिन्न हिस्सों से आ रही सांप्रदायिक तनाव की खबरों के बीच दो बहनों की यह उदारता उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के छोटे से शहर काशीपुर में चर्चा का विषय बनी हुई है। जानकारी के मुताबिक, अपने स्वर्गवास से पहले ब्रजनंदन प्रसाद रस्तोगी ने अपने करीबी रिश्तेदारों को बताया था कि वह अपनी चार बीघा कृषि भूमि नजदीक ही बने ईदगाह के विस्तार के लिए दान देना चाहते हैं।

पिता की इच्छा पूरी की

हालांकि, अपने बच्चों को अपनी अंतिम इच्छा बता पाते इससे से पहले ही रस्तोगी का जनवरी 2003 में निधन हो गया। दिल्ली और मेरठ में अपने परिवारों के साथ रह रहीं उनकी पुत्रियों सरोज और अनीता को हाल में अपने पिता की इस इच्छा के बारे में पता चला तो उन्होंने तत्काल काशीपुर में रहने वाले अपने भाई राकेश से सहमति लेने के लिए संपर्क किया। राकेश भी इस पर तुरंत राजी हो गया।

संपर्क किए जाने पर राकेश रस्तोगी ने कहा, ‘‘पिता की अंतिम इच्छा का सम्मान करना हमारा दायित्व है। मेरी बहनों ने कुछ ऐसा किया है, जिससे पिता की आत्मा को शांति मिलेगी। ’’

ईदगाह कमेटी करेगी अभिनंदन

ईदगाह कमेटी के हसीन खान ने कहा, ‘‘दोनों बहने सांप्रदायिक एकता की जीती जागती मिसाल हैं। ईदगाह कमेटी उनकी इस उदारता के लिए उनका आभार व्यक्त करती है। दोनों बहनों का जल्द ही अभिनंदन किया जाएगा।’’

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