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‘सीधा कमिश्नर को फोन करूंगी..’ दारू पीकर महिला असिस्टेंट कमिश्नर की पुलिस को धमकी- देखें video

उत्तर प्रदेश में नशे में धुत एक महिला अफसर का वीडियो वायरल हो गया है। ये अधिकारी पुलिस को धमकाते हुए नजर आ रही है। अफसर पूरी तरह नशे में धुत है। वो ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी। वहीं महिला पुलिस कर्मी ने जब उसको कार में बैठाने की कोशिश की तो वो पुलिस पर ही भड़क गई और धौंस जमाने लगी।

वीडियो वायरल होने के बाद अफसरों में हड़कंप मच गया है। महिला अफसर की रिपोर्ट भी एसपी को भेजी गई है। वीडियो 27 अप्रैल का है। पुलिस ने अफसर का मामला होने की वजह से इसे संभालना चाहा था और नशेबाज अधिकारी के पति को बुलाकर महिला को उनके साथ भेज दिया था। हालांकि वीडियो वायरल हो गया।

असिस्टेंट लेबर कमिश्नर है महिला

रिपोर्ट के मुताबिक महिला अधिकारी की नाम रचना केसरवानी है। वो असिस्टेंट लेबर कमिश्नर हैं और इस समय गोंडा में तैनात हैं। एसओ जरवलरोड राजेश सिंह ने इस मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अफसर नशे में थी और लखनऊ से खुद ही गाड़ी चलाकर गोंडा जा रही थी।

नशे में होने की वजह से वो रास्ता भटक गई और बहराइच की तरफ चली गई। इसी दौरान उनकी कार एक डिवाइडर से भिड़ गई थी। जब पुलिस को हादसे की सूचना मिली तो फौरन ही वहां पुलिसकर्मी पहुंच गए। उन लोगों ने रचना को संभालना चाहा लेकिन नशे में धुत महिला अफसर उल्टा पुलिसवालों को ही हड़काने लग गई।

कमिश्नर से शिकायत की देने लगी धमकी

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि रचना केसरवानी इस कदर नशे में धुत हैं कि वो अपने पैरों पर खड़ी तक नहीं हो पा रही हैं। उनको किसी हादसे से बचाने के लिए पुलिसवाले काफी मेहनत करते दिखे। महिला पुलिसवाली ने तो उनको आराम से कार में बैठने के लिए कहा लेकिन महिला अफसर उल्टा उसे ही धमकी देने लगी।

रचना केसरवानी बोलने लगी कि मैं जिला नहीं मंडल स्तर की अफसर हूं। सीधा कमिश्नर से बात करूंगी। उनकी इस बात को नजरअंदाज करते हुए पुलिसवाली ने अफसर को फिर से कार में बैठाना चाहा लेकिन वो मानी ही नहीं। नशे में बोलती रही कि मैं ठीक हूं। इतना कहकर फिर से कार से बाहर निकल आई।

मेडिकल करवाकर पति को सौंपा

दरअसल अफसर नशे में थी और खुद ही कार चलाना चाह रही थी। वहीं पुलिसवाले उनको पीछे बैठने को बोल रहे थे। इसी बात पर वो पुलिस को धमकी दे रही थी। बाद में उप श्रमायुक्त देवीपाटन मंडल रचना केसवानी के पति को वहां बुलाया गया। इसके बाद महिला अफसर का मेडिकल करवाया गया और उनके पति को सौंपा गया।

पुलिस का कहना है कि मामला उच्च अधिकारी का था। ऐसे में पुलिस को प्रोटोकॉल का पालन करना था। वो न उनकी जांच कर सकते थे, न ही उनके खिलाफ कोई कार्रवाई कर सकते थे। इस वजह से इस मामले को वरिष्ठ पुलिस अफसरों के पास भेज दिया गया। वहीं श्रम विभाग को भी मामले की जानकारी दी गई है।

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