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80 साल की भिखारन ने मंदिर में किया लाखों रुपए का दान, कीमत जान आ जाएंगे चक्कर

कहते हैं दान से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है। लेकिन आजकल लोगों की आस्था दान के नाम पर कम हो जाती है। उनका दिल छोटा हो जाता है। वह सुख-सुविधाओं की चीजों पर भले लाखों रुपए उड़ा दे, लेकिन जब जरूरतमंदों को दान की बात आती है तो उनकी जेब से 100 रुपए भी नहीं निकलते हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर एक 80 साल की भिखारी महिला बड़ी अपने बड़े दान को लेकर वायरल हो रही है।

80 वर्षीय इस बुजुर्ग महिला को लोग अश्वथम्मा कहते हैं। वह उडुपी जिले के कुंडापुर तालुका में गंगोल्ली के पास के गांव कंचागोडु की रहने वाली है। 18 साल पहले महिला के पति का निधन हो गया था। तब से ही वह मंदिरों में भीख मांगकर अपना गुजारा कर रही है। वह कर्नाटक के दक्षिण कन्नड और उडुपी जिलों के मंदिरों के गेट पर बैठकर भीख मांगती है। इसी से उसकी रोजी रोटी भी चलती है।

भिखारन ने मंदिर में दिए 1 लाख रूपए

आपको जान हैरानी होगी कि 80 साल की इस बुजुर्ग महिला ने यहां के राजराजेश्वरी मंदिर में पूरे 1 लाख रुपए का दान किया है। इसकी जानकारी खुद मंदिर के अधिकारियों ने दी है। महिला का कहना है कि वह भीख मांगकर जो भी पैसा मिलता है उसका बस थोड़ा सा हिस्सा ही अपने नाम खर्च करती है। बाकी पैसा वह बैंक में जमा कर देती है।

आप में से बहुत से लोगों को एक भिखारन द्वारा एक लाख रुपए दान करने की बात हजम नहीं हुई होगी। लेकिन अब आप एक और झटके के लिए तैयार रहे। इस महिला ने यह एक लाख रुपए बस एक महीने में ही कमाए हैं। राजराजेश्वरी मंदिर के सामने वार्षिक उत्सव लगा था। यहां महिला ने 1 महीने भीख मांगी। इससे उसने इतनी कमाई करी कि खुद पर कुछ पैसे खर्च करने के बाद 1 लाख रुपए बचा लिए।

समाज का लिया समाज को लौटाना चाहती है

बुजुर्ग महिला ने एक लाख रुपए की यह राशि बीते शुक्रवार (22 अप्रैल) को मंदिर के न्यासी को बतौर ‘अन्नदान’ हेतु दी है। महिला का कहना है कि उसने समाज से जो भी धन राशि एकत्रित की थी, उसे वापस समाज को ही लौटा रही है।

वह नहीं चाहती कि कोई भी शख्स भूखा रहे। महिला भगवान अयप्पा की भक्त हैं। वह केरल के सबरीमाला और कर्नाटक के अन्य मंदिरों में भी अन्नदान कर चुकी हैं। इसके अलावा वे दक्षिण कन्नड और उडुपी जिलों के अनाथालयों में भी दान देती हैं।

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