समाचार

शहीद बेटे की फोटो को चूम-चूम कर मां ने पूरी ममता न्योछावर कर दी, रुला देगा ये वीडियो

देश के लिए मर मिटने वाले शहीदों को हर देशवासी नमन करता है, उन्हें सेल्यूट करता है। शहीद के घरवाले भी उसकी वीरता पर गर्व करते हैं। लेकिन शहीद के घरवालों को साथ ही ऐसा दर्द भी मिलता है जिसे आसानी से नहीं भरा जा सकता है, क्योंकि वो शहीद भी तो किसी का बेटा, भाई, पिता या पति होता है।

भावुक कर देने वाला वीडियो

छत्तीसगढ़ के एक कार्यक्रम के दौरान का एक ऐसा वीडियो सामने आया है जो भावुक कर देने वाला है। इस वीडियो में एक शहीद की मां अपने बेटे की तस्वीर देखकर फूट-फूटकर रोने लगी। वो अपने शहीद बेटे की फोटो देख आंसू नहीं रोक पाई। वो अपने बेटे की फोटो को चूमती जा रही है और रोती जा रही है।

शहीदों के सम्मान में रखा गया था कार्यक्रम

दरअसल छत्तीसगढ़ के सुकुमा जिले के दोरननापाल में बीते दिनों शहीद हुए जवानों के सम्मान में एक कार्यक्रम रखा गया था। जहां पर शहीद जवानों को याद किया गया और उनके परिजनों को सम्मानित किया गया। इसी कार्यक्रम में एक शहीद जवान की मां भी पहुंची थी। कार्यक्रम में पहुंचकर जब मां ने अपने शहीद बेटे की तस्वीर देखी तो वो अपने आंसू नहीं रोक पाई और बार-बार अपने बेटे की तस्वीर को चूमने लगी और रोने लगी। इस भावुक पल को देख वहां मौजूद लोग के आंखों में भी आंसू आ गए। पिछले दिनों हुए नक्सली हमले में पीएल मांझी शहीद हो गए थे। ये उन्हीं शहीद पीएल मांझी की मां हैं।


नक्सली हमले में कई जवान शहीद

सरकार के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 8 जिले नक्सल से प्रभावित हैं, इन जिलों में बीजापुर, सुकुमा, बस्तर, दंतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर, राजनंदगांव और कोंडागांव जैसे जिले शामिल हैं। पुलिस या सुरक्षाबल जब भी इन इलाकों में नक्सलियों को पकड़ने जाती है तो ये नक्सली इन पर हमला कर देते हैं। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि पिछले 10 से 11 सालों में छत्तीसगढ़ में हजारों नक्सली हमले हो चुके हैं इन महलों में हमने कई सौ जवानों को खो दिया।

ये आकंड़े इसलिए और चौंकाते हैं क्योंकि छत्तीसगढ़ से ज्यादा नक्सल प्रभावित राज्य झारखंड को माना जाता है। यहां 13 जिले नक्सल प्रभावित हैं। इसके बावजूद झारखंड में नक्सली हमले छत्तीसगढ़ से कम होते हैं। कहा ये जाता है कि एक तरफ जहां झारखंड में नक्सली हमलों में कमी आ रही है तो वहीं छत्तीसगढ़ में ये हमले बढ़ रहे हैं।

Back to top button