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चोटी काटने वालों के डर से अन्धविश्वास में पड़ कर लोग करने लगे हैं ऐसे काम आप जानकर हो जायेंगे हैरान

होशियारपुर: भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के हर देश में समय-समय पर लोग अन्धविश्वास की गिरफ्त में आते रहते हैं। हाँ यह अलग बात है कि भारत में लोग अन्धविश्वास पर बहुत जल्दी भरोसा कर लेते हैं। भारत में अक्सर लोगों को अन्धविश्वास के चक्कर में पड़कर कुछ ना कुछ करते देखा गया है। अभी कुछ दिनों पहले दिल्ली में काला बन्दर का खौफ छाया हुआ था। लोगों की नींदे हराम हो गयी थी। लोगों में काले बन्दर का इतना ज्यादा डर बैठ गया था कि वह घर से निकलते ही नहीं थे।

ऐसे ही पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुछ साल पहले मुँह नोचवा का खौफ फैला हुआ था। ऐसा कहा जाता था कि जो भी रात के समय बाहर दिख जाता था मुँह नोचवा उका मुँह ही नोच लेता था। हालांकि यह एक अफवाह मात्र ही थी। किसी ने मुँह नोचवा को देखे जाने की बात नहीं स्वीकारी थी। अब ऐसे ही राजस्थान के एक छोटे गाँव से शुरू हुए चोटी काटने वाली चुड़ैल का खौफ राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश में फैल गया है।

बाहर से आये मजदूरों में फैला है खौफ का माहौल:

अभी हाल ही में पंजाब के होशियारपुर में दो महिलाओं की रहस्यमयी ढंग से चोटी काटने की वजह से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। 3 दिन पहले होशियारपुर के सुंदरनगर में जानकी देवी की चोटी कटी थी। अब खबर आ रही है कि भिखोवाल गाँव की महिला चन्द्रकली देवी की चोटी कटने का मामला सामने आया है। बाहर से आये मजदूरों में इस समय खौफ का माहौल बना हुआ है। केवल यही नहीं लोग अब चोटी काटने वाली चुड़ैल से बचने के लिए तरह-तरह के टोटके भी अपना रहे हैं।

पुलिस भी नाकाम रही इस रहस्यमयी गुत्थी को सुलझाने में:

घर के दरवाजे के बाहर मेहँदी की छाप, निम्बू-मिर्च के साथ नीम की पत्तियाँ भी लटकाई जाने लगी हैं। महिलाएँ एक दुसरे को यह भी सलाह दे रही हैं कि अपने बाल ढँककर रखें और लाल चूड़ियाँ पहने और घर के बाहर मेहन्दी का छाप बनायें। होशियारपुर की ये दोनों ही घटनाएँ इस समय पुलिस के लिए पहेली बनी हुई हैं। पुलिस पीड़ितों के बयान के आधार पर जाँच कर रही है, लेकिन अब तक इस रहस्यमयी घटना की गुत्थी सुलझी नहीं है। वहीँ दिल्ली में रहस्य से पर्दा उठाना शुरू हो गया है।

कई ऐसे मामले सामने आये हैं, जिसमें यही पाया गया है कि लोग पब्लिसिटी, नादानी और अति आत्मविश्वास में खुद की या दुसरे की चोटियाँ काट रहे हैं। कई मामलों में यह भी पाया गया कि महिलाएँ सरकार से मुआवजा मिलने की लालच में अपनी चोटियाँ खुद ही काट ले रही हैं। चोटी काटने की घटना जाँच का विषय है। इससे महिलाओं और लड़कियों को काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ा है। वही मनोरोग विशेषग्य इन घटनाओं को किसी मनोरोगी की हरकत मान रहे हैं।

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