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13500 फीट की ऊंचाई से लड़की ने लगाई छलांग, नहीं खुला पैराशूट, फिर जो हुआ यकीन नहीं करेंगे

एक कहावत हमारे देश में बहुत कही जाती है कि ‘जाको राखे साइय़ां, मार सके न कोई’। इस कहावत को कहने वाले भगवान पर पूरा भरोसा रखते हैं। उनको लगता है कि वो किसी भी मुसीबत में फंस जाएं, भगवान कोई न कोई चमत्कार कर उनको उस मुसीबत से बचा ही लेते हैं। हालांकि ये कहावत भारत की जगह अमेरिका में सिद्ध हो गई।

अमेरिका में एक लड़की के साथ जो हुआ वो किसी चमत्कार से कम नहीं है। ये लड़की स्काई डाइविंग की बहुत शौकीन है। अपने शौक को पूरा करने के लिए इसने 13500 फीट की ऊंचाई से छलांग लगा दी। हालांकि ऐन वक्त पर पैराशूट धोखा दे गया। इसके बाद जो हुआ वो आप जानने के बाद भी यकीन नहीं कर सकेंगे।

कूदी लेकिन भूल गई पैराशूट खोलना

जिस युवती के बारे में हम आपको बता रहे हैं उसका नाम जॉर्डन हैटमेकर है। वो अमेरिका के वर्जिनिया शहर में रहती है। 35 साल की ये लड़की स्काई डाइविंग की शौकीन है। अपने शौक को पूरा करने के लिए ही इसने ऐसा कुछ किया जो मजा के बजाय सजा में बदल गया। उसको ये घटना जीवन भर याद रहने वाली है।

जॉर्डन स्काई डाइविंग के लिए पहले 13500 फीट की ऊंचाई पर गई। उसके पास पैराशूट था जो उसे नीचे गिरने पर खोलना था। इसी के भरोसे उसने इतनी ऊंचाई से छलांग लगा दी। वो तेजी से नीचे भी गिरने लगी। हालांकि इस बीच वो पैराशूट खोलना भूल गई। जब उसे याद आया तो उसने पैराशूट खोला लेकिन वो उसके पैर में अटक गया।

200 किमी की रफ्तार से गिरी नीचे

पैराशूट पैर में अटकने की वजह से खुल नहीं सका। अब उसकी जान अटक गई। लड़की के नीचे गिरने की रफ्तार 200 किमी की थी यानि किसी भी समय मौत उस तक पहुंच सकती थी। उसको समझ में ही नहीं आ रहा था कि अब क्या किया जाये। जॉर्डन को पता लग गया था कि अब वो नहीं बचेगी और उसकी मौत हो जाएगी।

13500 फीट से नीचे गिरने पर कोई बच ही नहीं पाता है। उसको ये बात अच्छी तरह से पता थी। इसी वजह से उसने अपनों को अंतिम समय में याद करना शुरू कर दिया। अटके पैराशूट को खोलने की कोशिश भी बेकार गई। आखिर वो 200 किमी की रफ्तार से सीधा जमीन पर आकर गिरी। लोगों को भी लगा कि अब वो मर चुकी है।

हो गया चमत्कार, दोबारा करेगी स्काई डाइविंग

इतनी रफ्तार से नीचे गिरी जॉर्डन को पहले तो लगा कि अब वो मर चुकी है। हालांकि उसे फिर पता लगा कि वो तो जिंदा है। इतनी ऊंचाई से गिरने के बाद भी वो बेहोश नहीं हुई थी। हालांकि उसके हाथ से लेकर पैर की हड्डियां चकनाचूर हो गई थीं। कमर, ऐड़ियों से लेकर पैर-हाथ सबकी हड्डियां टूट चुकी थीं पर वो जिंदा थी।

उसने दर्द से कराहते हुए मदद के लिए पुकारा। फौरन ही मदद आ गई और उसको अस्पताल ले जाया गया। वहां आईसीयू में उसका इलाज शुरू हुआ। उसको 25 दिन तक अस्पताल में रहना पड़ा। अब वो धीरे-धीरे ठीक हो रही है। उसका कहना है कि वो फिर से स्काई डाइविंग करना चाहती है।

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