अध्यात्म

भारत के 4 रहस्यमयी मंदिर जहां पर होते हैं ये अद्भुत चमत्कार..

यूं तो पूरे भारतवर्ष में न जाने कितने ही मंदिर हैं और हर मंदिर की अपनी एक अलग विशेषता है. किसी भी मंदिर के पीछे कोई ना कोई कहानी अवश्य छुपी होती है जिसके बारे में ज़्यादातर लोगों को खबर भी रहती है. पर अब भी भारत में कुछ मंदिर ऐसे हैं जो की रहस्यों से भरे पड़े हैं. वहां पर होने वाले चमत्कार को देख लोग हैरान हो जाते हैं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे ही 4 रहस्यमयी मंदिरों के बारे में जिसको पढ़ कर आप भी आश्चर्यचकित हो जायेंगे. Mysterious temples of india

कौन से हैं वो चार मंदिर

कालभैरव मंदिर :

कालभैरव का मंदिर उज्जैन शहर में स्थित है. भगवान को आपने प्रसाद में मिठाई चढ़ाते हुए तो सुना ही होगा, पर यहाँ ऐसा नहीं होता. यहां पर भगवान को प्रसाद में शराब चढ़ाई जाती है. कहा जाता है की भगवान की मूर्ति के सामने अगर आप मदिरा रखते हैं तो मदिरा से भारी प्याली अपने आप खाली हो जाती है. यह शराब कैसे गायब हो जाती है अब तक किसी को पता नहीं चल पाया है. मान्यता है की अगर आप शराब चढ़ाएंगे तो आपकी सारी बुरी आदतें भगवान के पास ही रह जायेंगी. पहले के समय में यहां तांत्रिकों को ही आने दिया जाता था, पर अब यहां पर बड़ी मात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ भगवान को शराब चढ़ाने के लिए लगी रहती है.

तिरुपति बालाजी :

दूसरे नंबर पर आता है तिरुपति बालाजी का मंदिर. लोग कहते हैं की यहां पर वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति पर जो बाल लगे हैं वह असली हैं. उनके बाल बेहद मुलायम हैं और कभी भी आपस में नहीं उलझते. लोगों का मानना है की ऐसा होने की वजह स्वयं वेंकटेश्वर स्वामी का वहां विराजमान होना है. अगर आप मूर्ति पर कान लगाकर सुनेंगे तो आपको समुद्र की लहरें सुनाई देगी और इस वजह से भगवान की मूर्ति में हमेशा नमी बनी रहती है. जैसे ही आप मंदिर के अंदर जायेंगे आपको दायीं तरफ एक छड़ी रखी हुई दिखाई देगी. बताया जाता है की जब भगवान छोटे थे तो उनकी पिटाई इसी छड़ी से हुई थी, जिससे की उनकी ठोड़ी पर चोट आ गयी थी. उस घटना के बाद से लेकर आजतक भगवान की ठोड़ी पर चन्दन का लेप लगाकर उनके घाव को भरा जाता है.

पद्मनाभ मंदिर :

तीसरे नंबर पर आता है तिरुवनंतपुरम का पद्मनाभ मंदिर. इस मंदिर में कई तहखाने हैं और छठा तहखाना आज भी एक रहस्य है. ऐसा माना जाता है की 1908 में जब कुछ लोगों ने इस तहखाने को खोलने की कोशिश की तब उन्हें कई सिरों वाला एक किंग कोबरा बैठा हुआ मिला जिसके चारों तरफ नागों का झुंड था. उसके बाद लोग जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर वहां से भाग निकले. दरअसल इस किंग कोबरे को खजाने का रक्षक बताया जाता है. ज्योतिष बताते हैं की तहखाना खोलने की कोशिश करने से पहले नाग के प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए, नहीं तो यह आपके लिए जानलेवा हो सकता है. आप जानकार अचंभित रह जायेंगे की पाँचों तहखानो से अब तक एक लाख करोड़ से भी ज़्यादा की दौलत बरामद हो चुकी है.

माँ शारदा का मंदिर :

चौथे स्थान पर आता है मध्यप्रदेश के सतना जिले में मैहर देवी का मंदिर. इसे मैहर देवी का मंदिर इसलिए कहा जाता है क्योंकि मैहर का अर्थ है- माँ का हार. पूरे भारत में माँ शारदा का यह इकलौता मंदिर है. कहा जाता है की पृथ्वीराज चौहान के साथ आल्हा और उदल नाम के दो युवकों का युद्ध हुआ  था. वे दोनों भी माँ शारदा के बहुत बड़े भक्त थे. माँ के मंदिर की खोज जंगलों के बीच इन्होने ही की थी, और तबसे इसे माँ शारदा का मंदिर कहा जाने लगा. लोगों का मानना है की हर रोज़ आज भी आल्हा और उदल ही सबसे पहले माँ का दर्शन करते हैं.

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