मालामाल कर देंगी तुलसी की सूखी पत्तियों का यह टोटका, लख्मी का हमेशा रहेगा वास
‘तुलसी’ की गिनती एक पवित्र पौधे में होती है। हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व बताया गया है। यह पौधा घर में लगाना बड़ा शुभ माना जाता है। लगभग हर हिंदू शख्स के घर में तुलसी का पौधा देखने को मिल जाता है। तुलसी को देवी का दर्जा प्राप्त है। देव उठनी ग्यारस पर श्रीकृष्ण और तुलसी का विवाह भी किया जाता है।
सुख, शांति और समृद्धि लाती है तुलसी
कहते हैं कि तुलसी में सकारात्मक ऊर्जा रहती है। इसे घर आंगन में रखने से नेगेटिव एनर्जी नष्ट हो जाती है। बुरी शक्तियां घर से दूर रहती हैं। घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। तुलसी को सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है। जिस घर में तुलसी होती है वहां रोज सुबह शाम दीपक प्रज्वलित कर पूजा पाठ करनी चाहिए।
तुलसी के कई औषधीय लाभ भी होते हैं। ये सेहत के लिए अच्छी होती है। आपको जान हैरानी होगी कि तुलसी की सूखी पत्तियां भी बड़ी काम की होती है। कई लोग इन सूखी पत्तियों को छांटकर फेंक देते हैं। लेकिन आप इनके भी कई काम के उपाय कर सकते हैं। इन्हें चमत्कारी तक माना जाता है।
बड़ी काम की होती है तुलसी की सूखी पत्तियां
1. धार्मिक मान्यताओं की माने तो तुलसी की सूखी पत्तियां भगवान श्रीकृष्ण को अति प्रिय होती है। आप इन्हें बेझिझक भगवान श्री कृष्ण को भोग के रूप में चढ़ा सकते हैं। एक तुलसी के पत्ते को तोड़ने के बाद 15 दिनों तक भगवान श्री कृष्ण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
2. बाल गोपाल यानि भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप को स्नान करवाते समय भी तुलसी की सूखी पत्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे आप उनके स्नान के पानी में डाल दें। वहीं आप खुद के नहाने के पानी में भी तुलसी के सूखे पत्तों को मिला सकते हैं। ऐसा करने से आपके शरीर में मौजूद सभी नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाएगी।
3. यदि आप अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करना चाहते हैं तो ये काम करें। तुलसी की कुछ सूखी पत्तियां लें और उन्हें एक लाल रंग के कपड़े में बांध दें। अब इस कपड़े को तिजोरी या पैसे रखने के स्थान पर रख दें। ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहेगी। घर की तरक्की होगी। पैसों की कभी कोई कमी नहीं होगी।
4. आप तुलसी की सूखी पत्तियों को गंगाजल में भी डाल सकते हैं। इससे घर में छिड़काव करने से नेगेटिव एनर्जी का नाश होता है। घर में पॉजिटिव ऊर्जा का लेवल बढ़ता है। लड़ाई झगड़े कम होते हैं। शांति बनी रहती है। बीमारियाँ दूर रहती है।