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गोरखनाथ मंदिर हमला: पूछताछ में अहमद मुर्तजा बार-बार कहता रहा-मैं चाहता हूं कोई मुझे गोली मार दे

उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर पर हमले की फिराक में घुसे हमलावर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसको मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। कोर्ट ने उसको 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया। इसके बाद पुलिस की पूछताछ में आरोपी अहमद मुर्तजा बार-बार यही कहता रहा कि मैं चाहता हूं कोई मुझे गोली मार दे।

वहीं दूसरी ओर अहमद मुर्तजा के पिता ने एक नया खुलासा कर दिया है। उन्होंने अपने बेटे के बचाव में पुलिस को ही निशाने पर ले लिया है। उनका कहना है कि पुलिस उनके घर में आई थी और 36 लाख का समन दे दिया था। इसी वजह से उनका बेटा डिप्रेशन में चला गया और ये घटना हो गई।

गोरखपुर में मच गया था हड़कंप

गोरखपुर में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक हमलावर धारदार हथियार लेकर गोरखनाथ मंदिर के अंदर घुसने लगा। उसने वहां धार्मिक नारे लगाए। इसके बाद दो सुरक्षाकर्मियों पर हमला भी बोल दिया। प्रदेश के सबसे सुरक्षित समझे जाने वाले इलाके में हुई इस घटना ने सबको हैरान कर दिया।

फौरन ही हमलावर के मंदिर में घुसने की कोशिश को नाकाम कर दिया गया। उसको सुरक्षाबलों ने घेर लिया और पकड़ लिया। उसको पकड़ने वाले जांबाज पुलिसकर्मियों को इनाम भी दिया जाएगा। वहीं आरोपी को पुलिस की रिमांड में भेज दिया गया है। जहां पुलिस इस हमले का आतंकी कनेक्शन भी तलाश रही है।

यूपी एटीएस कर रही है जांच

फिलहाल इस मामले की जांच यूपी एटीएस को सौंपी गई है। अहमद मुर्तजा के पास से पैन कार्ड, विमान यात्रा का टिकट समेत लेपटॉप भी बरामद किया गया है। पूछताछ में आरोपी ने क्या बताया है, इस बारे में फिलहाल पुलिस कुछ नहीं बता रही है। आरोपी बस कोई मुझे गोली मार दे, जैसी बातें ही बार-बार दोहरा रहा है।

हमले के बाद यूपी एटीएस के साथ ही आईबी और एनआईए भी जांच करेगी। आरोपी सिविल लाइंस गोरखपुर में ही रहता है। उसने आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई की है। वहीं परिवार वालों का कहना है कि मुर्तजा की दिमागी हालत ठीक नहीं है। वो रविवार शाम से ही घर से गायब था। घरवाले उसकी तलाश कर रहे थे। हालांकि बाद में हमले की खबर मिली।

पिता ने पुलिस पर ही लगाया आरोप

आरोपी के पिता मुनीर अब्बासी का कहना है कि उनका बेटा बचपन से ही मानसिक रूप से बीमार था। ये बात वो लोग तब समझे जब बीमारी ने साल 2018 में गंभीर रूप ले लिया। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद में उसका इलाज भी करवाया गया। वो नौकरी भी सही से नहीं करता था। महीने भर बिना ऑफिस को सूचना दिए घर पर सोता रहता था।

पिता ने उसके आतंकी कनेक्शन को बकवास बताया है। उनका कहना है कि 2 अप्रैल को दो लोग जो पुलिसवाले लग रहे थे, उनके घर आए थे। वो 36 लाख का दीवानी का समन लेकर पहुंचे थे। इस बात को जब उनके बेटे ने सुना तो वो डिप्रेशन में चला गया था। पिता का कहना है कि उनका बेटा बीमार है। यूपी सरकार को भी उसको लेकर सहानुभूति पूर्व रवैया दिखाना चाहिए।

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