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मिलिए 8 साल की काशवी से, कोर्ट ने देखा टैलेंट, अब तीसरी के बाद सीधे देगी 8वीं क्लास की परीक्षा

आपने वैसे तो कई टैलेंटेड बच्चों के बारे में सुना होगा। हम आज आपको ऐसी ही एक विलक्षण प्रतिभा की धनी बच्ची के बारे में बताने जा रहे हैं। ये बच्ची गूगल गर्ल के नाम से मशहूर है। बच्ची के टैलेंट देखकर डॉक्टर के साथ ही कोर्ट के जज भी हैरान हो जाते हैं। अब ये बच्ची तीसरी क्साल से सीधे 8वीं क्लास की परीक्षा देने जा रही है।

पालमपुर की है काशवी

काशवी हिमाचल प्रदेश के पालमपुर की रहने वाली है। उसका जन्म 12 मार्च साल 2014 को हुआ है। अभी काशवी पालमपुर के ही रेनबो पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ती है। वो फिलहाल तीसरी क्लास में है लेकिन अब सीधे 8वीं क्लास के एक्जाम देगी। उसके पिता संतोष कुमार भी टीचर हैं जबकि मां कमलेश घर संभालती हैं।

काशवी शुरू से ही असाधारण प्रतिभा की धनी रही है। उसके पिता ने बताया कि जब वो 3 साल की थी तभी से उसके टैलेंट की झलक दिखने लगी थी। उसको भारत के प्रदेशों, केन्द्र शासित राज्यों, राजधानियों से लेकर पड़ोसी देशों के बारे में जानकारी हो गई थी। इतना ही नहीं वो सौर मंडल से लेकर महत्वपूर्ण दिनों तक को याद कर चुकी थी।

यूट्यूब पर छाई रहती है काशवी

काशवी हिमाचल ही नहीं पूरी दुनिया में मशहूर है। वो यूट्यूब के जरिए अपना टैलेंट दिखाती है और छाई रहती है। उसके कई वीडियो को लोग खूब पसंद करते हैं और वो गूगल गर्ल के नाम से मशहूर है। काशवी ने बस एक साल ही स्कूल में पढ़कर पहली कक्षा पास कर ली थी। इसके बाद स्कूल वालों ने ही उसको सेकेंड क्लास में प्रमोट कर दिया था।

लॉक डाउन का फायदा उठाकर काशवी ने न सिर्फ तीसरी कक्षा की पढ़ाई पूरी कर ली, बल्कि दो-दो महीने में उसने चौथी से लेकर सातवीं क्लास का भी कोर्स कंपलीट कर लिया। अब वो 8वीं क्लास का कोर्स पूरा करने के बाद तीसरी से सीधे ही 8वीं कक्षा का पेपर देने की तैयारी कर रही है।

कोर्ट पहुंचे पिता

काशवी के पिता अपनी बच्ची की विलक्षण प्रतिभा को पहचान चुके हैं। इसी वजह से उन्होंने16 अक्टूबर 2021 को  काशवी का आक्यू टेस्ट करवाया था। धर्मशाला के जोनल अस्पताल में हुए टेस्ट में उसे 154 आईक्यू मिला था। उसकी प्रतिभा को देखकर डॉक्टरों ने भी साफ कह दिया था कि ये बच्ची विलक्षण प्रतिभा की धनी है।

इसी के बाद उसके पिता ने प्रदेश के शिक्षा से जुड़े अफसरों को पत्र लिखकर बेटी को 8वीं की परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का अनुरोध किया था। हालांकि शिक्षा विभाग के अफसरों की ओर से जब कोई जवाब नहीं आया तो काशवी के पिता ने कोर्ट का रुख किया और याचिका दायर कर दी।

जानें कोर्ट ने क्या कहा

काशवी का मामला जब कोर्ट में पहुंचा तो जज भी उसका रिकॉर्ड देखकर हैरान रह गए। हिमाचल कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल ने याचिका के रिकॉर्ड का अवलोकन किया। इसके बाद उन्होंने पाया कि काशवी एक प्रतिभावान और बौद्धिक रूप से श्रेष्ठ बच्ची हो सकती है।

इसी वजह से कोर्ट ने उसको 8वीं क्लास का एग्जाम देने की मंजूरी दे दी। न्यायालय का आदेश है कि काशवी अगर अस्थाई रूप से 8वीं क्लास में एडमिशन लेती है तो उसकी प्रोग्रेस रिपोर्ट को स्कूल की ओर से देखा जाएगा। इसके साथ ही रिपोर्ट को कोर्ट में भी पेश किया जाएगा। कोर्ट अब इस केस में सुनवाई 28 अप्रैल को करेगा।

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