अध्यात्म

किसान कुत्ता साथ घर आए, कुत्ता हांफ रहा था, किसान को कोई थकान नहीं थी, संत ने पूछा ऐसा क्यों?फिर..

सफलता का स्वाद सिर्फ वही लोग चखते हैं जो अपने लक्ष्य को लेकर फोकस रहते हैं। यदि आप अपने लक्ष्य से बार बार भटक जाते हैं, अपनी बुरी आदतों और आलस को खुद पर हावी होने देते हैं तो सफलता मिलने में बहुत देरी हो जाती है। हो सकता है कई बार ये अवसर भी आपके हाथ से निकल जाए। चलिए इस बात को एक कहानी से समझते हैं।

जब किसान के घर पहुंचे संत

एक समय की बात है। एक गांव में एक महान संत रहते थे। एक बार एक गरीब किसान इस संत के आश्रम आया। उसने संत को बताया कि उसके जीवन में कई समस्याएं हैं। वह अपने लक्ष्य को हासिल करना चाहता है, लेकिन वहां तक पहुँच नहीं पाता। इधर उधर के कामों में उलझ जाता है और हर बार उसका काम बिगड़ जाता है।

किसान की बात सुन संत ने कहा कि मैं तुम्हारे घर आकर तुम्हें सही रास्ता दिखाऊँगा। फिर संत एक दिन किसान के घर पहुंचे तो वह वहां नहीं था। किसान की पत्नी ने बताया कि वे खेत गए हैं आते ही होंगे। तब तक पत्नी ने संत की अच्छे से खातिरदारी की। जल्द ही किसान खेत से लौट आया। उसके साथ एक कुत्ता भी था जो बहुत जोर-जोर से  हांफ रहा था।

संत ने किसान से पूछा कि “तुम्हारा खेत बहुत दूर है क्या?” इस पर किसान बोला “नहीं, मेरा खेत तो यहीं पास में ही है।” फिर संत बोले “लेकिन तुम्हारा ये कुत्ता इतना हाँफ क्यों रहा है? जबकि तुम्हारे चेहरे पर तो थोड़ी सी भी थकान नहीं है।” इस पर किसान ने बताया “जब मैं और कुत्ता आ रहे थे तो रास्ते में कुछ और कुत्ते दिख गए। फिर मेरा कुत्ता उन्हें देख भोंखने लगा। ऐसा बार-बार करने के चलते वह थक गया।”

संत ने कहा “मैं तुम्हें जो रास्ता दिखाने आया था वह इस कुत्ते ने ही दिखा दिया। तुम्हें इस कुत्ते की तरह नहीं बनना है। अपनी बुरी आदतों को अपने लक्ष्य पर हावी नहीं होने देना है। यदि तुम लक्ष्य को छोड़ फालतू की बातों में समय बर्बाद करोगे तो कभी समय पर सफलता प्राप्त नहीं कर पाओगे। यदि लक्ष्य को हासिल करना है तो सिर्फ उसी पर फोकस करो।”

कहानी की सीख

जीवन परेशानियों से भरा हुआ है। लेकिन इन परेशानियों में हमेशा उलझे रहना ठीक नहीं है। कई बार इन परेशानियों को इग्नोर कर अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होना चाहिए। जब आप लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखेंगे तो अपने सपनों को जल्द पूरा कर पाएंगे।

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