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यूरोप पर भड़के पुतिन ने लिया बदला, रोक दी पश्चिमी देशों में गैस सप्लाई, जानें यूरोप पर असर

यूक्रेन और रूस के बीच जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। रूस अपने हमले लगातार तीव्र करता जा रहा है। कीव पर कब्जे के बाद रूस ने अब दूसरे शहरों को भी अपनी जद में लेना शुरू कर दिया है। वहीं भारत ने तो पूरे मामले में तटस्थ रवैया अपना लिया है लेकिन पश्चिमी देश रूस का लगातार विरोध कर रहे हैं।

अमेरिका के सुर में सुर मिलाते हुए यूरोप के देश भी रूस पर लगातार प्रतिबंध लगाते जा रहे हैं। वहीं यूएन में भी रूस को अलग-थलग करने का काम शुरू हो गया है। यूरोप के इस रवैये से रूस भड़क गया है। अब राष्ट्रपति पुतिन ने यूरोप को रुलाना शुरू कर दिया है। उन्होंने बड़ा फैसला लेते हुए पश्चिमी देशों की गैस सप्लाई ही रोक दी है। आइए जानें इस फैसले का क्या असर होगा।

यामेल-यूरोप गैस पाइप लाइन बंद

यूक्रेन से जंग के दौरान रूस पूरी दुनिया में अलग-पड़ गया है। अमेरिका ने तो उसका विरोध शुरू ही कर दिया था। इसके बाद यूरोपीय देशों ने भी रूस पर प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिए थे। इसी वजह से रूस में भी संकट बढ़ता जा रहा है। पुतिन यूरोप के इस रवैये से बेहद नाराज दिखाई दे रहे थे और कोई बड़ा फैसला लेने वाले थे।

आखिरकार उन्होंने ऐसा फैसला ले लिया जिससे पूरे यूरोप की कमर टूट जाएगी। पुतिन ने यूरोप को जाने वाली मुख्य गैस पाइप लाइन को बंद करने का आदेश दे दिया है। इस आदेश के बाद यामेल-यूरोप गैस पाइप लाइन को बंद कर दिया गया है। फैसले के बाद यूरोप में अब संकट गहराने जा रहा है।

40 फीसदी सप्लाई अकेले रूस से

यूरोपीय देशों के संगठन ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसी के बाद रूस ने भी गैस सप्लाई रोकने का फैसला ले लिया। आपको बता दें कि यूरोप के देश रूस पर गैस के लिए पूरी तरह निर्भर हैं। अकेले रूस से ही इन देशों की जरूरत की 40 फीसदी गैस पाइप लाइन के जरिए सप्लाई की जाती है। इसको रोकने का आदेश देने से रूस से जर्मनी की गैस सप्लाई फौरन रुक जाएगी।

जानें क्या होगा यूरोप पर असर

पुतिन के इस फैसले से यूरोप में महंगाई बम फूटना तय है। 40 फीसदी गैस सप्लाई करने वाले रूस से गैस न आने पर पश्चिमी देशों में गैस के दाम आसमान छूने लगेंगे। यूक्रेन-रूस में जंग के बीच पहले से ही गैस के दाम इन देशों में पीक पर चल रहे हैं। पुतिन के इस फैसले के बाद तो पश्चिमी देशों में गैस के दाम रॉकेट के जैसे भागने लगेंगे।

पहले से ही कोरोना ने पश्चिमी देशों की कमर तोड़ रखी है। अब गैस की वजह से वहां महंगाई आसमान छूने लगेगी। इसके साथ ही इन देशों में गैस संकट की वजह से आम लोगों को भी परेशानी होगी। यूरोप के देश गैस का इस्तेमाल घरों और ऑफिसों का तापमान संतुलित रखने के लिए करते हैं। गैस संकट होने पर लोगों को भारी समस्या होगी।

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