रोज़गार

ऐसे शुरू करें कड़कनाथ मुर्गियों का बिजनेस, कमाएंगे बेहिसाब पैसा, सरकार भी करेगी आपकी मदद

भारत को कृषि प्रधान देश भी कहा जाता है। आज भी इसकी अधिकतर आबादी खेती बाड़ी कर अपना जीवन यापन करती हैं। लेकिन सिर्फ खेती से किसानों को ज्यादा मुनाफा हासिल नहीं होता है। ऐसे में वे साइड में पशुपालन भी करते हैं। इसमें मुर्गी पालन का बिजनेस बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसे तगड़ी कमाई होती है।

कड़कनाथ मुर्गियों की खासियत

यदि आप भी मुर्गी पालन का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो सामान्य मुर्गियों की बजाय कड़कनाथ मुर्गियों (kadaknath chicken) का पालन कीजिए। इससे आपका मुनाफा कई गुना ज्यादा होगा। कड़कनाथ मुर्गे की खासियत ये होती है कि इसका मांस, खून, चोंच, अंडे, जुबान और शरीर सबकुछ काला होता है।

इस मुर्गी में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है। वहीं फैट की मात्रा बेहद कम होती है। इसमें विटामिन-बी-1, बी-2, बी-6, बी-12, सी, ई, नियासिन, कैल्शियम, फास्फोरस और हीमोग्लोबिन अधिक मात्रा में मिलता है। इसका मांस पूरी तरह से काला होता है जो कि कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोगियों के लिए बड़ा लाभकारी रहता है। इसलिए इनकी मार्केट में डिमांड भी खूब रहती है।

कड़कनाथ मुर्गियों की कीमत

कड़कनाथ चिकन के अंडे और मांस नॉर्मल चिकन की तुलना में महंगे बिकते हैं। इसका एक अंडा लगभग 50 रुपए का होता है। वहीं मांस 900 से 1000 रुपए प्रति किलो बिकता है। इसका 1 चूजा 70 से 100 रुपए तक बिकता है।

ऐसे शुरू कर सकते हैं बिजनेस

कड़कनाथ मुर्गी पालन के बिजनेस की शुरुआत आप सिर्फ 50 हजार रुपए के निवेश से कर सकते हैं। इसके लिए आपको अधिक जगह की आवश्यकता भी नहीं होती है। इसके फार्म को बड़ी आसानी से तैयार किया जा सकता है। आपको बस मुर्गियों के शेड में बिजली, पानी और कुछ घंटे की रोशनी का इंतजाम करना पड़ता है।

एक किलो मांस वाली कड़कनाथ मुर्गी तैयार करने में लगभग 200 रुपए खर्च होते हैं। जबकि बाजार में इसका मांस 900 रुपए प्रति किलोग्राम तक बिक जाता है। वहीं सामान्य मुर्गियों के मुकाबले इसकी प्रतिरोधक क्षमता भी अधिक होती है। ऐसे में इसका रखरखाव और खानपान और भी आसान हो जाता है।

सरकार भी करती है सहायता

यदि आप इस बिजनेस को लेकर सिरियस हैं तो भारतीय पक्षी अनुसंधान केंद्र, बरेली से इसकी ट्रेनिंग भी ले सकते हैं। वहीं कड़कनाथ मुर्गी पालन योजना (kadaknath murgi palan scheme) के अंतर्गत आप सरकार से सहायता भी ले सकते हैं।

मध्य प्रदेश सरकार कड़कनाथ नस्ल के 40 चूजों को पालने के 4400 रूपए का अनुदान प्रदान करती है। इसके बारे में और जानकारी के लाइ आप अपने संबंधित जिले के पशु चिकित्सा अधिकारी या कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।

कड़कनाथ मुर्गे को जियोग्राफिकल (GI) टैग भी मिला हुआ है। यह टैग उस प्रोडक्ट को मिलता है, जो किसी विशेष क्षेत्र में ही होते हैं। मध्यप्रदेश के झाबुआ में कड़कनाथ मुर्गों का पालन सबसे अधिक होता है। हालांकि अब ये अन्य जगहों पर भी हो रहा है। जैसे भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी भी रांची में अपने फार्म पर कड़कनाथ मुर्गियों का पालन करते है।

Back to top button
?>