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यह है नया भारत: जहां यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को US ने छोड़ा मझधार में, वहीं हमने दिखाया दम

यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग में दूसरे देशों के लोग भी फंस गए हैं। जिन देशों के लोग यूक्रेन पढ़ाई करने या घूमने के लिए गए हुए थे, वे लोग अब वहीं पर फंस गए हैं। मुसीबत में फंसे ये लोग अपने-अपने देशों से मदद की गुहार लगा रहे हैं। हालांकि अपने देश के नागरिकों के लिए जो कदम भारत ने उठाया है, ऐसा कदम तो दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका भी नहीं उठा सका है।

यूक्रेन में फंसे नागरिकों के लिए भारत और अमेरिका के प्रयासों की तुलना करें तो आपको अंतर साफ नजर आएगा। दोनों देशों की रेस्क्यू से जुड़ी कोशिशों को देखने के बाद आपको ‘न्यू इंडिया’ की एक झलक भी देखने को मिलेगी जो आपके अंदर भी एक भरोसा जगाने के लिए काफी है।

पहले जानें अमेरिका ने क्या प्रयास किया

दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका को माना जाता है। सबसे उन्नत तकनीकी से लेकर हथियार भी अमेरिका के पास ही हैं। इसी वजह से अमेरिकी नागरिक खुद को बेहद सुरक्षित मानते हैं चाहे वो किसी भी देश में जाएं। हालांकि यूक्रेन में फंसे अमेरिकी जब बाइडन प्रशासन से मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं, तब उन्होंने क्या फैसला किया, ये भी जान लीजिए।

बाइडन प्रशासन ने अपने नागरिकों को यूक्रेन से रेस्क्यू करने के बजाय ट्विटर पर संदेश दे दिया। इस संदेश में बाइडन ने अमेरिकी लोगों से साफ कह दिया कि वे अपने साधनों और प्रयासों से खुद ही वापस अमेरिका आएं।

अमेरिका ने बस इतना बता दिया कि पोलैंड और मालदीव की सीमा में भीड़ ज्यादा है, इसलिए हंगरी, रोमानिया और स्लोवाकिया की सीमा से आने की कोशिश करें, वहां पर कुछ ही घंटों का इंतजार करना पड़ रहा है। बस इस संदेश के साथ ही बाइडन ने अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली।

अब जानें मोदी का दमदार फैसला

अब हम आपको बताते हैं कि यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए मोदी सरकार ने क्या फैसला लिया है। पीएम मोदी ने हाल ही में एक आपात बैठक बुलाई जिसमें सभी मंत्री मौजूद थे। इसके बाद वहां फंसे भारतीय छात्र-छात्राओं समेत नागरिकों को निकालने के लिए दमदार फैसला ले लिया। मोदी ने चार मंत्रियों को चुना। ये चार मंत्री किरण रिजिजू, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीके सिंह और हरदीप पुरी हैं।

इन चारों मंत्रियों को आदेश दिया कि फौरन वे यूक्रेन के बॉर्डर देशों में चले जाएं और वहां रहकर हर भारतीय नागरिक की वापसी को अपनी देखरेख में सुनिश्चित करवाएं। मोदी सरकार ने रेस्क्यू मिशन को मिशन गंगा का नाम दिया है और इन चारों मंत्रियों की देखरेख में अब मिशन को पूरा किया जाएगा। एक-एक भारतीय नागरिक की घर वापसी को सुनिश्चित किया जाएगा।

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