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बेटी के अंतिम संस्कार के बाद लगाया शतक, फिर मैच के दौरान पिता की मौत: इस खिलाड़ी के जज्बे को नमन

व्यक्ति के जीवन में कभी-कभी ऐसी कठिन परिस्थितियां आती हैं कि कई लोग आस छोड़ देते हैं, और समय के आगे घुटने टेक देते हैं। लेकिन उन्हीं में से कई लोग विकट परिस्थितियों का मुकाबला करने का जज्बा दिखाते हैं और परेशानियों से बाहर निकल आते हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है बड़ोदा के क्रिकेटर विष्णु सोलंकी ने।

 बेटी का अंतिम संस्कार करने के बाद लगाया शतक

बड़ौदा के क्रिकेटर विष्‍णु सोलंकी के जज्‍बे को पूरा देश सेल्यूट कर रहा है। सोलंकी इस समय भुवनेश्‍वर में रणजी ट्रॉफी खेल रहे हैं। मैच के दौरान ही चंडीगढ़ के खिलाफ उन्होंने शानदार शतक लगाया। उनका यह शतक काफी खास है क्योंकि उन्‍होंने यह शानदार पारी बेटी का अंतिम संस्‍कार करने के बाद खेली।

इस मैच से कुछ दिन पहले उनकी नवजात बेटी का निधन हो गया था। जिसका अंतिम संस्‍कार करने के बाद वो मैदान पर लौटे और अपनी भावनाओं पर काबू रखते हुए शतक जड़ दिया, मगर उनके लिए यह मैच इतना आसान नहीं रहा।

मैच के आखिरी दिन पिता की मौत

एलीट ग्रुप बी में चंडीगढ़ के खिलाफ मुकाबले के आखिरी दिन सुबह उन्‍हें एक और बुरी खबर मिली। जिससे वो और भी बुरी तरह टूट गए, मगर उन्‍होंने इसके बावजूद टीम का साथ नहीं छोड़ा। विष्णु को मैच के आखिरी दिन खबर मिली कि उनके पिता का निधन हो गया.

उन्‍हें ये खबर टीम मैनेजर ने दी, जिन्‍होंने सोलंकी को ड्रेसिंग रूम में बुलाया, फिर पिता के निधन के बारे में बताया. इंडियन एक्‍सप्रेस के अनुसार विष्‍णु ने वीडियो कॉल पर ड्रेसिंग रूम के एक कोने में बैठकर पिता का अंतिम संस्‍कार देखा।

राज्‍य संघ के सचिव अजीत लेले ने बताया कि सोलंकी को घर लौटने का विकल्‍प दिया गया था, मगर टीम मैनेजर ने बताया कि सोलंकी ने टीम के साथ रुकने का फैसला किया। सोलंकी के पिता पिछले 2 महीनों से बीमार थे और अस्‍पताल में थे। पिछले 2 महीनों से वो मेडिकल इमरजेंसी से जूझ रहे थे। विष्‍णु अगर घर जाने की कोशिश भी करते तो समय पर नहीं पहुंच पाते।

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