राजनीति

17 लाख की नौकरी छोड़कर अब गांव-गांव जाकर हाथ जोड़ रही है ये मुस्लिम युवती, जानें वजह

बेरोजगारी के इस दौर में जब लोग एक लाख रुपये की नौकरी के लिए तरस रहे हों, ऐसे में कोई लड़की अगर 17 लाख रुपये के पैकेज को ठुकरा दे तो आपको भी हैरानी होगी। इसके बाद वो गांव-गांव जाकर हाथ जोड़ने लगे तो आप उसकी वजह जानना तो जरूर चाहेंगे। ये कहानी नहीं बल्कि हम आपको उस मुस्लिम लड़की की हकीकत बता रहे हैं जो वाकई में ऐसा कर रही है। आखिर वो कौन है और ऐसा क्यों कर रही है, चलिए हम आपको बताते हैं।

नैनीताल की है ये युवती

लाखों का पैकेज ठुकराने के बाद गांव में लोगों के सामने हाथ जोड़ती दिख रही ये युवती नैनीताल की रहने वाली है। इनका नाम रुही अरशद है। रूही के गांव-गांव हाथ जोड़ने की वजह उनका चुनाव लड़ना है। जी हां उनको कांग्रेस ने यूपी चुनाव 2022 में अपना उम्मीदवार बनाया है।

उनको बाराबंकी सदर सीट से प्रियंका गांधी ने टिकट दिया है। ‘बेटी हूं लड़ सकती हूं’ की मुहिम में प्रियंका ने 40 फीसदी टिकट महिलाओं को बांटे हैं। इनमें से ही रूही को भी चुना गया और उनको भी यूपी विधानसभा चुनाव में उतार दिया गया।

जेट एयरवेज से मिला था पैकेज

रूही को जेट एयरवेज से ऑफर मिला था। एयरलाइंस ने उनको 17 लाख रुपये का पैकेज ऑफर किया था लेकिन उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया था। रूही लखनऊ से पढ़ी हुई हैं और उन्होंने इंग्लिश लिटरेटर और इकोनमिक्स से ग्रेजुएशन किया है।

इसके साथ ही उन्होंने इंटरनेशनल एयरलाइंस एंड टूरिज्म में डिप्लोमा भी हासिल किया है। रूही इस समय घर संभालती है और उनके पति अरशद बिजनेसमैन हैं। वो अपने पति के साथ बिंजनेस में भी हाथ बंटाती हैं।

गांव-गांव जाकर जोड़ रही हाथ

रूही के प्रचार करने का तरीका भी बहुत अलग है। वो सुबह 8 बजे ही तैयार हो जाती हैं। इसके बाद समर्थकों के साथ गांव-गांव निकल पड़ती हैं। इस दौरान वो हिन्दी, उर्दू और अंग्रेजी ही नहीं बल्कि क्षेत्रीय भाषा का भी इस्तेमाल करती है ताकि लोगों को अपनी ओर रिझा सकें। वो सिर पर पल्लू भी रखे रहती हैं ताकि गांव वाले उनके संस्कार से प्रभावित हो सकें।

रुही का ये अंदाज लोगों के बीच चर्चा का विषय जरूर बन गया है। रूही का दावा है कि अगर वो जीतती हैं तो क्षेत्र में विकास के काम करवाएंगी। वहीं उन्होंने दूसरे दलों पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यहां किसी भी दल ने विकास कार्य नहीं करवाया। सभी नेता बस अपनी जेबें ही भरते रहे। इसी वजह से जनता बहुत परेशान है।

मुस्लिम-यादव बहुल है इलाका

बाराबंकी सीट की बात करें तो ये सीट कभी कांग्रेस पार्टी का गढ़ हुआ करती थी। वैसे इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी हमेशा से कमजोर ही साबित हुई है। इस सीट पर मुस्लिम और यादव वोट ज्यादा हैं। इसी वजह से इन दोनों ने जिस भी पार्टी के पक्ष में मतदान कर दिया। वो पार्टी ही जीत जाती है। इसी समीकरण को ध्यान में रखते हुए प्रियंका ने यहां से मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दिया है। रूही के आने से दूसरे दलों के समीकरण भी बिगड़े हैं।

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