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इस गांव में एक साथ उठीं 13 अर्थियां, शादी के गीत की जगह रोने-चीखने की आवाजें

जिस गांव में शादी के गीत गाए जा रहे थे, वहां अब रोने चीखने की आवाजें सुनाई दे रही हैं। जिस गांव में शादी का नाच गाना हो रहा था, वहां अब मौत का मातम हो रहा है। इस गांव में एक साथ 13 अर्थियां उठीं। जो भी इस गांव में आ रहा है वो मातम में डूबा जा रहा है।

पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर सीएम योगी तक को इस खबर ने झकझोर दिया है। ये घटना उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में हुई जहां शादी का माहौल एक पल में मातम में बदल गया।

हल्दी समारोह के दौरान हुआ हादसा

कुशीनगर के नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के नौरंगिया टोला गांव में जो हुआ उस पर यकीन करना बड़ा मुश्किल है। यहां एक ऐसा हादसा हो गया जिसने पूरे गांव में मौत का सन्नाटा बिखेर दिया।

इस गांव में परमेश्वर कुशवाहा के बेटे की शादी होने वाली थी। बुधवार को हल्दी की रस्म हो रही थी। पूरा गांव इस रस्म में शरीक होने के लिए पहुंचा था। खासकर औरतें हल्दी में गीत गाने के लिए आई थीं। इसी दौरान एक हादसे ने 13 लड़कियों और औरतों की जान ले ली।

बात मान जातीं तो न होता हादसा

जहां पर हल्दी की रस्म हो रही थी, वहीं पर पास में एक सेप्टिक टैंक का कुआं बना हुआ है। कुछ महिलाएं घर के पास बैठी थीं तो कुछ कुएं के स्लैब में ही बैठ गई थीं। शाम को जब धीरे-धीरे भीड़ बढ़ी तो और महिलाएं स्लैब में खड़ी हो गईं।

ज्यादा लोगों को वहां खड़ा देखकर गांव वालों ने स्लैब से हटने की बात कही और कहा कि वो टूट सकता है। महिलाओं ने उनकी बात नहीं मानी और वहीं पर नाच गाना करती रहीं। अचानक से स्लैब टूटा और सारी महिलाएं उस कुएं में गिर गईं।

हादसे से मचा हड़कंप, अपनों को तलाशने दौड़े लोग

हादसे से अचानक हड़कंप मच गया। कुछ लोग खाना बना रहे थे, वो फौरन ही मदद के लिए दौड़ पड़े। वहीं गांव में खबर फैलते ही लोग रस्सियां लेकर दौड़ पड़े। जवान लोग रस्सी और सीढ़ी लेकर कुएं में चले गए और महिलाओं और बच्चियों को बाहर निकालने लगे। हालांकि इसके बाद भी कई महिलाएं कुएं के अंदर डूब गईं जिनका पता नहीं लग सका तो लोग अपनों को तलाशने के लिए दौड़ पड़े। हालांकि तब तक देर हो चुकी थी।

सेप्टिक टैंक से निकाला 9 टैंकर पानी तब मिली लाशें

आनन-फानन में टैंकर मंगाए गए और सेप्टिक टैंक से नौ टैंकर पानी निकाला गया। तब जाकर लाशें निकल पाईं। कुल 13 लोग इस मौत के कुएं का शिकार हो गए। इनमें सात नाबालिग लड़कियां हैं। मरने वालों में 12 लोग तो इसी गांव के हैं जबकि एक लड़की बाहर से हल्दी देखने आई हुई थी।

हादसे के बाद से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है और लोगों के घरों से रोने चीखने की आवाजें आ रही हैं। शादी को भी फिलहाल रोक दिया गया है। परमेश्वर कुश्वाहा का कहना है कि अगर जरूरत हुई तो बस वो बेटे को ही भेज देंगे। वही पूरी रस्म अदा कर लेगा।

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