राजनीति

बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे इकबाल अंसारी ने सीएम योगी के लिए की प्रार्थना, बोलें- ‘दोबारा बनें सीएम

यूपी में चुनावी माहौल चल रहा है। इसी बीच एक सुखद खबर ये है कि अब एक समय बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहें इकबाल अंसारी ने भी योगी आदित्यनाथ की दोबारा सरकार आए; इसके लिए प्रार्थना की है और आप ऐसे में समझ सकते हैं कि सूबे में किस तरीके से सामाजिक और वैचारिक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। फिर भले ही विपक्ष क्यों न निर्वतमान योगी सरकार को घेरने का प्रयास करें। अमूमन देखा जाए तो उत्तरप्रदेश सूबे में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा ने बदलाव लाने का भरसक प्रयास किया है और जो अब लोगों की सोच में भी साफ़ नज़र आ रहा है।

गौरतलब हो कि जो उत्तरप्रदेश एक समय धार्मिक कट्टरता की भेंट चढ़ चुका था। वहां अब योगी आदित्यनाथ को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने के लिए बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार और संत परमहंस ने एक साथ प्रार्थना की। ऐसे में आप समझ सकते है कि किस तरह सूबे में बदलाव की लहर चल रही है। इस समय उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का माहौल रहा है और पहले चरण का मतदान भी हो चुका है। वहीं दूसरे चरण का मतदान सोमवार को होगा।

Ikbal Ansari

ऐसे में प्रदेश में अलग-अलग चुनावी रंग देखने को मिल रहे हैं और साधु संत हो या फिर मुस्लिम समुदाय के लोग। सभी अपने अपने हित के अनुसार अपनी निष्ठा प्रदर्शित करने में जुटे हैं और इसी बीच बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार ने योगी आदित्यनाथ की दोबारा सरकार बनने की बात कही।

इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय स्तर की नगरी के रूप में विकसित करने की योगी आदित्यनाथ की दृढ़ इच्छा है, जिसको लेकर करोड़ों की योजनाएं चल रही है। इतना ही नहीं अयोध्या के मंदिरों व संतों से हमारे मधुर रिश्ते हैं। ऐसे में मैं यह आश्वासन भी देता हूं कि संतों के अनुष्ठान व कार्यक्रम में भागीदारी भी करता रहूंगा। वहीं, चर्चित महंत परमहंस दास ने भी सीएम योगी आदित्यनाथ के दोबारा सीएम बनने के लिए तपस्वी आश्रम में अनुष्ठान किया।

वहीं दूसरी तरफ बता दें कि बीते दिनों अयोध्या के प्रमुख मठ मंदिरों के संत-महात्माओं की एक बैठक मणिराम छावनी में आयोजित की गई और जहां पर तपस्वी आश्रम के महंत परमहंस दास के ऊपर यह आरोप लगाया गया कि वे संत समाज की प्रतिष्ठा गिराने का काम कर रहें हैं। इसके अलावा उन्होंने फर्जी तरीके से स्वम्भू जगद्गुरु पीठाधीश्वर आदि पदवी धारण कर रखी है।

ऐसे में संत-महात्माओं ने जिला प्रशासन को 4 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा और उन्हे अयोध्या से निष्कासित करने की मांग की। बता दें कि इस मौके पर मणिराम छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने कहा कि, ” परमहंस दास वास्तव में तपस्वी आश्रम के वैध महंत ही नहीं हैं और वे फर्जी तरीके से संत समाज के विधि-विधान के विपरीत स्वम्भू जगद्गुरु पीठाधीश्वर कहलाने लगे, जिससे संतों की प्रतिष्ठा पर चोट पहुंच रही है।

Ikbal Ansari

इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि, ” संतों ने निर्णय किया है, अगर प्रशासन ज्ञापन पर एक्शन नहीं लेता तो अयोध्या का संत समाज उन्हें अयोध्या से बाहर कर देगा, क्योंकि परम हंसदास की हरकतों से संतों का सम्मान गिर रहा है।” वहीं आख़िर में बताते चलें कि कुछ समय पहले बाबरी मस्जिद के पक्षधर इकबाल अंसारी ने सीएम योगी के अयोध्या से चुनाव लड़ने पर अपना समर्थन जाहिर किया था और उन्होंने उस दौरान यह बात कही थी कि योगी आदित्यनाथ को मुसलमान भी वोट देंगे, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ अयोध्या से चुनाव तो नहीं लड़ें। ऐसे में अब इकबाल अंसारी ने उन्हें दोबारा सीएम के रूप में देखने की इच्छा जाहिर की है।

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