राजनीति

दस्यु ददुआ के बेटे वीर पटेल ने सपा का टिकट लौटाया, चुनाव लड़ने से इनकार

MY यानि मुसलमान और यादव की पार्टी माने जाने वाली समाजवादी पार्टी इस बार ओबीसी वोटर्स के समीरकरण साधने में जुटी है। इसी के तहत ओबीसी वर्ग की दूसरी जातियों को सपा इस बार टिकट देकर अपनी तरफ करने की कोशिश कर रही है। स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे कुछ नेताओं को बीजेपी से निकाल कर सपा अपने पाले में लाई है, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि टिकट की सेटिंग नहीं होने पर उन्होंने बीजेपी छोड़ी है।

लेकिन सपा का ये दांव ज्यादा कामयाब होता दिख नहीं रहा है, क्योंकि सपा में टिकट बंटवारे को लेकर जहां उनकी एक सहयोगी पार्टी कृष्णा पटेल की अपना दल (कमेरावादी) नाराज हो गई है, तो अब दस्यु सरगना ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल ने सपा का टिकट लौटा दिया है।

ददुआ को बेटे ने टिकट लौटाया

समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी दस्यु सरगना ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। वीर सिंह पटेल को समाजवादी पार्टी ने चित्रकूट जिले के मानिकपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था। शुक्रवार को वीर सिंह पटेल ने लखनऊ सपा कार्यालय जाकर चुनाव लड़ने से साफ मना कर दिया।

वीर सिंह पटेल ने मीडिया को बताया कि उन्होंने चित्रकूट सदर विधानसभा सीट से आवेदन किया था लेकिन पार्टी ने उन्हें मानिकपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। उनकी तैयारी चित्रकूट विधानसभा सीट को लेकर थी। मानिकपुर विधानसभा सीट में सपा का संगठन भी मजबूत नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि वे पार्टी के साथ हैं। लेकिन वह खुद मानिकपुर विधानसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे।

मरने के बाद भी ददुआ का असर कायम

दस्यु सरगना ददुआ को मरे हुए करीब 14 साल हो गए हैं, लेकिन चित्रकूट और बांदा इलाके में आज भी उसके नाम पर सियासत खत्म नहीं हो सकी है। इसके अलावा मध्य एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में कुर्मी बिरादरी के लोगों में उसका अब भी क्रेज देखा जाता है। ददुआ भले ही डकैत रहा हो, लेकिन कुर्मी समाज में उसकी छवि का काफी असर था।

इसी समीकरण को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल को मानिकपुर विधानसभा सीट से से टिकट दिया था। लेकिन अब उन्होंने टिकट लौटा दिया है।आपको बता दें कि वीर सिंह पटेल ने 2012 में चित्रकूट सीट से जीत दर्ज की थी, लेकिन सपा ने इस बार उन्हें चित्रकूट से हटाकर मानिकपुर से टिकट दिया था।

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