जब बेटे प्रतीक और अखिलेश के बीच भेदभाव को लेकर साधना से पूछा गया सवाल, कहा – ‘घर तोड़ना होता तो.
समाजवाद का विचार आज के दौर में उतना चर्चा में नहीं रहता। जितना कि समाजवादी कुनबे की लड़ाई। जी हाँ साल 2017 के विधानसभा चुनावों से ऐन पहले का वक्त तो आप सभी को याद ही होगा, जब मुलायम सिंह यादव के परिवार में खूब बवाल मचा था। ऐसे में उस दौर में पारिवारिक कलह मीडिया में भी छाई रही थी और उन्हीं दिनों मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता भी काफी सुर्ख़ियों में रही थी।
गौरतलब हो कि उस दौरान की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साधना गुप्ता पर अखिलेश यादव के करीबी समर्थकों ने आरोप लगाया था कि उनके कारण ही परिवार में कलह हुई है और साधना गुप्ता पर यह आरोप भी लगे थे कि उन्होंने ही पिता पुत्र के बीच खाई पैदा की। वहीं एक इंटरव्यू में साधना गुप्ता ने अपने विचार साझा किए थे और उन्होंने अपने ऊपर लगने वाले विचारों पर खुलकर बात की थी।
उन्होंने कहा था कि, जो मेरे ऊपर घर तोड़ने का आरोप लगाते हैं, वास्तव में ऐसे लोग मानसिक रूप से दिवालिया है। इतना ही नहीं उस इंटरव्यू के दौरान साधना गुप्ता ने कहा था कि, ” मैं इतने दिनों से परिवार का हिस्सा हूं। अगर घर तोड़ना ही होता तो कब का तोड़ देती, लेकिन मेरी फितरत ऐसी नहीं।”
वहीं जब साक्षात्कार के दौरान बेटे प्रतीक और अखिलेश यादव के बीच भेदभाव को लेकर उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा था कि कभी अखिलेश यादव को सौतेला बेटा नहीं समझा। इतना ही नहीं साधना गुप्ता ने इस दौरान कहा था कि अखिलेश यादव और प्रतीक यादव उनके लिए उनकी दो आंखों की तरह हैं।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि साधना गुप्ता, मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी हैं। जिनके साथ मुलायम सिंह यादव ने पहली पत्नी मालती यादव के निधन के बाद शादी की थी और अपर्णा यादव इन्हीं साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं।
आखिर में बता दें कि एक समय साधना गुप्ता भी राजनीति में काफी दिलचस्पी लेती थी, लेकिन जबसे उन्होंने मुलायम सिंह से शादी की है। उसके बाद से उन्होंने सार्वजनिक जीवन और राजनीति से दूरी बना ली है।