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बुर्के, हिजाब के विरोध में भगवा शाल पहन कर आई हिंदू छात्राएं, कहा-ड्रेस कोड सबके लिए बराबर हो

कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब और बुर्का पहनकर कॉलेज आने का विरोध अब और तेज हो गया है। बुर्के खिलाफ ये आंदोलन अब उडुपी जिले बाहर राज्य के दूसरे जिलों में भी तेजी से फैल रहा है।आपको बता दें कि कर्नाटक के उडुपी जिले के कुडापुर प्री-यूनिवर्सिटी कालेज में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने पर एक महीने से ज्यादा समय से विवाद चल रहा है।अब शिवमोगा जिले के भद्रावती में एम. विश्वेश्वरैया सरकारी कला एवं वाणिज्य कालेज में भी बुधवार को हिजाब पहनने को लेकर विवाद शुरू हो गया है।

हिजाब के जवाब में भगवा शाल

कुंडापुर प्री-यूनिवर्सिटी कालेज की 27 मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर कक्षा में आई थीं। जिसके जवाब में हिंदू छात्राओं ने भी भगवा शाल ओढ़ रखा था। कॉलेज में ड्रेस कोड को लेकर मुस्लिम छात्राओं के अभिभावकों के साथ भाजपा विधायक हालादि श्रीनिवास शेट्टी की अध्यक्षता में इस मुद्दे पर हुई बैठक बेनतीजा रही है।

2010 से यूनीफॉर्म कोड लागू है

कालेज के अधिकारियों ने बताया कि 2010 से ही यूनिफार्म कोड लागू है। मुस्लिम छात्राओं के लिए कॉलेज में अलग से कमरे की व्यवस्था की गई है जहां वे हिजाब हटाकर यूनिफार्म में कक्षा में आ सकती हैं। उधर हिंदू छात्राओं की मांग है कि यदि हिजाब और बुर्का को अनुमति है तो भगवा शाल को भी अनुमति दी जानी चाहिए। ड्रेस कोड सिर्फ हिंदू छात्राओं के लिए नहीं हो सकता है।

शिक्षा मंत्री से दखल की मांग

ड्रेस कोड को लेकर शिवमोगा जिले के भद्रावती में एम. विश्वेश्वरैया सरकारी कला एवं वाणिज्य कालेज परिसर में बुधवार को तनाव व्याप्त रहा। विधायक शेट्टी ने अब राज्य के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश से इस मुद्दे पर हस्तक्षेप की मांग की है। उधऱ राज्य के शिक्षा मंत्री ने कालेज के अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कह दिया है कि छात्राएं केवल यूनिफार्म में आ सकती हैं। न तो वे हिजाब पहनकर आ सकती हैं और न ही भगवा शाल की अनुमति दी जाएगी।


उडुपी से शुरू हुआ विवाद

बता दें कि कर्नाटक में हिजाब पहनने पर विवाद की शुरुआत उडुपी जिले के सरकारी पीयू कालेज में मुस्लिम समुदाय की 6 छात्राओं को हिजाब पहनने पर कक्षाओं में प्रवेश न करने देने से हुआ था। इसके चलते हिजाब पहनने वाली छात्राओं को आनलाइन क्लास का विकल्प अपनाने को कहा गया था। छात्राओ ने कालेज के फैसले को मानने से इनकार कर दिया था और हाई कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका भी दायर की है। इसके साथ ही छात्राओं ने इस फैसले के विराध में कक्षाओं का बहिष्कार कर रखा है।

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