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जिस लड़की के साथ 12 लोगों ने किया गैंगरेप, उसी को कोर्ट ने सुनाई सजा, फिर मामले में आया नया मोड़..

 रेप की खबरें हमारे समाज में काफी आम हो चली है। वैसे ऐसे मामले सिर्फ अपने देश में ही देखने को नहीं मिलते, बल्कि विदेशों में भी इसी घटनाएं घटित होती रहती हैं। जो समाज का एक विकृति रूप सामने लाने का काम करती है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि रेप के विरुद्ध बनें कानूनों का गलत उपयोग भी किया जाता है।

shame on cyprus

ऐसा ही एक मामला साइप्रस में देखने को मिला। जी हाँ युवती का आरोप था कि उसके साथ गैंप रेप की घटना हुई थी, लेकिन निचली अदालत ने बयान, सबूतों को दरकिनार करते हुए युवती को सजा सुनाई थी। मालूम हो कि युवती को झूठ बोलने का दोषी पाते हुए 4 महीने की सजा सुनाई गई थी और बता दें कि मामला साल 2019 का था। जब अइया नापा नामक युवती ने पुलिस को बताया था कि उसके साथ गैंप रेप हुआ है।

वहीं इसके बाद साल 2020 के जनवरी में कोर्ट में ट्रायल के दौरान युवती और उसके लीगल टीम को बोलने नहीं दिया गया और न ही सबूत पेश करने का मौका दिया गया और उसे पब्लिकली शरारत करने का दोषी माना गया।

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वहीं मालूम हो कि इस केस में नया मोड़ आ गया है। जी हाँ निचली अदालत से सजा सुनाएं जाने के बाद युवती और उसके वकील ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। जिसके बाद मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने ब्रिटेन की इस युवती की सजा पर रोक लगा दी है। गौरतलब हो कि युवती की उम्र 21 साल है और उसे एक कोर्ट ने रेप का झूठा आरोप लगाने की बात कहते हुए 4 महीने की सजा सुनाई थी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बाहर युवती के समर्थकों ने खुशी जताते हुए जोरदार नारेबाजी की और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चैन की साँस ली।

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युवती हुई गैंगरेप की शिकार और सजा भी उसी को…

बता दें कि ये पूरी कहानी साइप्रस का है। जहाँ एक ब्रिटिश युवती ने आरोप लगाया था कि उसके साथ गैंगरेप की घटना हुई थी, लेकिन निचली अदालत ने उसकी दलीले न सुनते हुए उसे ही सजा सुना दी थी। जिसके बाद युवती ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया और फिर उसे न्याय मिल सका। वहीं, अब भी साइप्रस में कोर्ट ऑफ अपील के ऐतिहासिक फैसले के बाद युवती की मां ने कहा कि यह एक बड़ी राहत की बात है और साइप्रस के अधिकारियों ने अपनी कानूनी प्रक्रिया में खामियों को पहचाना है।

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लेकिन यह निर्णय पुलिस, जज, या अधिकारियों द्वारा उसके साथ किए गए बर्ताव को माफ नहीं करता है। ऐसे में आशा है कि अपराध की पीड़ित मेरी बेटी, जिस पीड़ा से गुजरी है, उसे कम किया जा सकेगा और मेरी बेटी को पूरा इंसाफ तभी मिलेगा, जब वहां की अथॉरिटी साइप्रस में इकट्ठे किए गए सबूतों पर संज्ञान लेगी।

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बलात्कार संस्कृति खत्म करो की उठी मांग…

वहीं जानकारी के लिए बता दें कि युवती की सजा की खबर जैसे सुप्रीम कोर्ट ने बदली। वैसे ही निकोसिया में अदालत के बाहर युवती के समर्थक एकत्रित हो गए। इतना ही नहीं उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए तालियां बजाई और कहा कि दोषियों को सजा दो। वहीं कुछ लोगों के हाथ में तख्तियां और बैनर थे, जिन पर लिखा था “बलात्कार संस्कृति खत्म करो”।

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वहीं आखिर में बता दें कि कोर्ट के फैसले के बाद पीड़ित के वकील ने कहा है कि हम मांग कर रहे हैं कि एक अलग पुलिस टीम बनाई जाए। जो रेप की जांच करे। हम अभी आधिकारिक अनुवाद की प्रति का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कार्यवाही के दौरान कोर्ट हमारे तर्कों से सहमत थी।

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