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यूक्रेन के मुद्दे पर अमेरिका के सामने नही झुका भारत, रूस ने भारत को कहा शुक्रिया दोस्त…

यूक्रेन को लेकर अमेरिका और रूस के बीच की तनातनी किसी से छिपी नहीं है और ये दोनों देश अपने-अपने हितों के मद्देनजर इस मुद्दे को भुनाने में लगें हुए हैं। वहीं मालूम हो कि इसी बीच रूस ने भारत को धन्यवाद कहा है। वैसे यह तो आप सभी जानते ही हैं कि भारत और रूस दशकों से एक-दूसरे के मित्र रहें हैं। ऐसे में अब एक बार रूस द्वारा भारत की प्रशंसा करना कहीं न कहीं इस प्रगाढ़ता को औऱ मजबूती देता है।

Russian diplomat thanks india

वैसे हमें यहाँ यह जानना जरूरी है कि आख़िर रूस की तरफ से भारत को धन्यवाद क्यों कहा गया है। ऐसे में बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन की स्थिति पर बैठक से पहले चीन ने जहां प्रक्रियागत मतदान के खिलाफ मत दिया।

वहीं इस मुद्दे पर भारत, केन्या और गैबॉन ने अनुपस्थित होकर कहीं न कहीं रूस का पक्ष लिया। ऐसे में अब संयुक्त राष्ट्र में एक रूसी राजनयिक ने ”मतदान से पहले अमेरिकी दबाव के बावजूद डटे रहने” पर इन चारों देशों को शुक्रिया अदा किया है।

Russian diplomat thanks india

जानकारी के लिए बता दें कि भारत ने यूक्रेन सीमा पर ”तनावपूर्ण हालात” को लेकर चर्चा के लिए होने वाली बैठक से पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में प्रक्रियागत मतदान में भाग नहीं लिया था।

वहीं संयुक्त राष्ट्र में रूस के प्रथम उप स्थायी प्रतिनिधि दमित्रि पोलिंस्की ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड के एक ट्वीट के जवाब में लिखा कि, ”जैसा हमने उम्मीद की थी, यह एक जनसंपर्क हथकंडे के अलावा और कुछ नहीं था।

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यह ‘मेगाफोन डिप्लोमेसी’ यानी सीधे बातचीत करने के बजाय विवादित मामले में सार्वजनिक बयान देने की कूटनीति का उदाहरण है। कोई सच्चाई नहीं, केवल आरोप और निराधार दावे।” ऐसे में अब यह दावा फेल रहा। इतना ही नहीं पोलिंस्की ने कहा कि, ”यह अमेरिकी कूटनीति का सबसे खराब स्तर है। हमारे चार सहयोगियों चीन, भारत, गैबॉन और केन्या का धन्यवाद। जिन्होंने मतदान से पहले अमेरिकी दबाव के बावजूद डटे रहे।”

Russian diplomat thanks india

वहीं दूसरी तरफ मालूम हो कि ग्रीनफील्ड ने कहा कि, ”रूस की आक्रामकता केवल यूक्रेन और यूरोप के लिए खतरा नहीं है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए भी खतरा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पर इसे जिम्मेदार बनाने का दायित्व है। यदि पूर्व साम्राज्यों को बल से अपने क्षेत्र फिर से हासिल करना शुरू करने का लाइसेंस मिल जाए, तो दुनिया के लिए इसका क्या अर्थ होगा? यह हमें एक खतरनाक मार्ग पर ले जाएगा।”

Russian diplomat thanks india

इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि, ”हम स्वयं पर संकट आने से रोकने के लिए यूएनएससी में इस मामले को लेकर आए और यह रूस की सद्भावना की परीक्षा होगी कि क्या वह वार्ता की मेज पर बैठेगा और तब तक बना रहेगा, जब तक हम किसी सहमति पर नहीं पहुंच जाते? अगर वह ऐसा करने से इनकार करता है, तो दुनिया को पता चल जाएगा कि इसके लिए कौन और क्यों जिम्मेदार है।”

Russian diplomat thanks india

वहीं बात यूक्रेन मुद्दे पर भारत की करें तो भारत इस पर लगातार नजर बनाए हुए है। इतना ही नहीं यूक्रेन की सीमाओं के पास हजारों रूसी सैनिकों के एकत्र होने के बीच यूक्रेन संकट पर चर्चा करने के लिए 15 सदस्यीय परिषद ने बैठक की थी। वहीं मास्को की कार्रवाई ने यूक्रेन पर आक्रमण की आशंकाओं को बढ़ा दिया है।

T. S. Tirumurti

इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने परिषद में कहा कि नयी दिल्ली यूक्रेन से संबंधित घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रही है और सही समय पर भारत सही का पक्ष लेगा। इसके अलावा आगे अपनी बात रखते हुए तिरुमूर्ति ने कहा कि, ”भारत का हित एक ऐसा समाधान खोजने में है जो सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव को तत्काल कम कर सके और इसका उद्देश्य क्षेत्र तथा उसके बाहर दीर्घकालिक शांति और स्थिरता हासिल करना है।

” वहीं आख़िर में बता दें कि इसी दौरान तिरुमूर्ति ने कहा कि, “यूक्रेन के सीमावर्ती इलाकों समेत उस देश के विभिन्न हिस्सेां में 20,000 से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक पढ़ते एवं रहते है। ऐसे में उनकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और उन्हें हम विपरीत परिस्थितियों में भी सुरक्षित रखने की कोशिश करेंगे।”

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